बैठक में छात्र-युवाओं के हक, अधिकार, सम्मान और उनसे जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक को संबोधित करते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि आज देश और राज्य की सरकार, उनके अधिकारी और प्रशाशन छात्र और युवाओं के हक-अधिकार और सम्मान को कुचल रही है. आज छात्र और युवाओं को एकजुट होकर अपने अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज लगातार मोदी सरकार छात्र और युवा विरोधी नीति बना रही है. जहां नई शिक्षा नीति बनाकर शिक्षा को महंगा कर देश के बहुसंख्यक गरीब और कमजोड़ आबादी को शिक्षा से वंचित करने का प्रयास कर रही है. वहीं रोजगार के अवसर खत्म कर युवाओं को लाचार और बेबस सस्ता मजदूर बना रहे हैं. जब छात्र रोजगार के सवाल पर सड़क पर उतरते हैं और अपने भविष्य को सुरक्षित करने की गुहार लगाते हैं तो बदले में सरकार उनपर लाठियां बरसाती है.
उन्होंने कहा कि अभी पिछले दिनों ही पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर सरकार ने बर्बरतापूर्ण कार्यवाही की. आज छात्र और युवाओं का दमन और शोषण किया जाता है. स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर छात्रों का शोषण हो रहा है. सरकार संवेदनहीन बनी हुई है. जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि अभी पिछले दिनों ही मधेपुरा में एडीएम द्वारा एक खिलाड़ी को दौड़ा कर पीटने का वीडियो सामने आया. जिसपर NSUI के आंदोलन के दवाब में जिलाधिकारी द्वारा जांच कमिटी बनाकर कार्यवाही किया गया लेकिन सरकार अब भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि छात्र और युवाओं के साथ दमन और शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. NSUI बहुत जल्द छात्र महापंचायत आयोजित कर जिले भर में छात्र से जुड़े मुद्दों को एकत्रित कर आंदोलन करेगी.
उन्होंने कहा कि तमाम कल्याण छात्रावासों की स्थिति दयनीय है. कई अधिकतर प्रखंडों में एक भी कॉलेज नहीं होने कारण छात्र और छात्राओं को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि ग्वालपाड़ा में एक भी सरकारी कॉलेज नहीं है. जहां सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देती है वहीं 20 किलोमीटर के दायरे में एक भी सरकारी महाविद्यालय नहीं होने छात्राएं आज पढ़ाई अधूरी छोड़ रही है. आगामी 15 दिसम्बर को ग्वालपाड़ा में पुनः बैठक कर प्रखंड कमिटी का निर्माण किया जाएगा और प्रखंड में सरकारी महाविद्यालय के जनांदोलन की तैयारी की जाएगी.
बैठक में मुख्य रूप से NSUI छात्र नेता रणधीर कुमार, कुंदन कुमार, रौनक कुमार, प्रिंस कुमार, प्रशांत यादव, अभिषेक यादव, मुन्ना यादव, छोटू यादव, आशीष यादव, नीतीश यादव, सौरव यादव, ओम यादव, प्रिंस कुमार, नीतीश कुमार, दिव्यांशु कुमार, निकेश कुमार, विशाल कुमार, सिंटू कुमार, तरुण कुमार, लालो कुमार, आजाद कुमार, तीरेस खान, प्रिंस कुमार समेत दर्जनों NSUI कार्यकर्ता मौजूद थे.
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