कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना के महिला पर्यवेक्षिका कुमारी निभा, अहिल्या कुमारी, प्रखंड समयक शमशेर आलम उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अवसर पर महिला पर्यवेक्षिका कुमारी निभा ने बताया कि हर क्षेत्र में महिला कामयाबी और सफलता की परचम लहरा रही है जो सामुदायिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव का परिणाम है किंतु अभी और बदलाव की जरूरत है उन्होंने तमाम प्रखंड वासियों से अपील करते हुए कहा कि बेटों की तरह बेटियों को भी आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक सहयोग करें। बेटियां किसी से कम नहीं है बदलते दौर में सामाजिक कुरीतियों को मात मिली है जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि आज हर क्षेत्र में बेटों से बेटियां आगे निकल रही और हम किसी से कम नहीं के दावे को अपने मेहनत के बल पर सार्थक रूप दे रहे हैं। बेटियों को थोड़ी सी सपोर्ट मिल जाए तो बड़ी उड़ान निश्चित है इसलिए इस बदलते दौर में हर किसी को बेटे बेटियां में फर्क वाली प्रथाओं को भूलने और सहयोग करने की जरूरत है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर नारे को सार्थक रूप देने के लिए हर किसी को बेटे की तरह बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को स्थापित करने और बेटियों के प्रति पुराने ख्यालों से बाहर आकर सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की जरूरत है, हालांकि बीते जमाने की तरह सामाजिक स्तर पर बहुत बदला हुआ भी है किंतु अभी और सकारात्मक बदलाव की जरूरत है. जैसे जैसे लोगों की मानसिकता बदल रही है वैसे उसे बेटियों आगे बढ़ रही है क्षेत्र में बेटियां कामयाबी की मिसाल पेश कर नई कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं ।
मधेपुरा जिला के घैलाढ़ प्रखंड मुख्यालय के दुर्गा मध्य विद्यालय प्रांगण में बाल विकास परियोजना कार्यालय के सौजन्य से समाज सुधार अभियान अंतर्गत दहेज प्रथा बाल विवाह एवं लैंगिक संवेदीकरण विषयों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता चलाया गया । जिसमें कला जत्था के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाज में व्याप्त कुप्रथा जैसे दहेज प्रथा, बाल विवाह, भ्रूण हत्या आदि विषयों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया जिसमें प्रखंड के ग्रामीण एवं महिलाएं सेविका सहायिका आशा ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
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