कोर्ट का आदेश न मानना पड़ा पुलिस अधिकारियों को पड़ा महँगा, बाइक जब्त का था मामला

मधेपुरा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट से जारी आदेश को मुरलीगंज के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित तीन पुलिसकर्मियों को नही मानना महंगा पर गया.

एडीजे (2) विनय प्रकाश तिवारी की कोर्ट ने मुरलीगंज थाना कांड संख्या 10/2018 में बाइक रिलीज करने को लेकर एक आदेश जारी किया था. कोर्ट से जारी आदेश के बाद भी मुरलीगंज के तत्कालीन थानाध्यक्ष ब्रह्मदेव पंडित सहित तीन अन्य पुलिस द्वारा इस मामले में जमकर लापरवाही बरती गई. इससे नाराज एडीजे (2) श्री तिवारी ने उक्त सभी के खिलाफ कोर्ट में चल रहे परिवाद वाद संख्या 1/2022 में सुनवाई के बाद संज्ञान लेते हुए सभी के खिलाफ सम्मन जारी कर दिया है.

मामला मुरलीगंज का है जहाँ 30 जनवरी 2018 को मुरलीगंज के तत्कालीन थानाध्यक्ष ब्रह्मदेव पंडित, पु.अ.नि. रामचंद्र प्रसाद व दूधनाथ सिंह के द्वारा गश्ती के दौरान एक बाईक सवार रामु ततमा को शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया. जिसमें जब्त बाईक को छुड़ाने के लिये रामु ततमा ने कोर्ट में अर्जी दायर करते हुए सम्बंधित पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. जहां से उसे 23 अगस्त 2018 को ही बाईक रिलीज करने का आदेश प्राप्त हुआ लेकिन थाना पहुँचने पर उसे अपनी चालू बाईक के बजाय सिर्फ उसका चेसिस ही मिला. इस मामले में कोर्ट ने पूर्व में ही उक्त सभी के खिलाफ शॉ काउज भी किया था लेकिन पुलिस की ओर से हमेशा की तरह इस मामले में भी जमकर लापरवाही बरती गई. मामले में कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.

(विधि सं.)

कोर्ट का आदेश न मानना पड़ा पुलिस अधिकारियों को पड़ा महँगा, बाइक जब्त का था मामला कोर्ट का आदेश न मानना पड़ा पुलिस अधिकारियों को पड़ा महँगा, बाइक जब्त का था मामला Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 09, 2022 Rating: 5

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