अपहरण मामले में पता चला कि गांव के ही भतरंधा वार्ड नंबर 6 के कुलदीप यादव के पुत्र मनु कुमार ने दो रोज पूर्व अरुण मुखिया की पुत्री जब मंदिर से पूजा कर लौट रही थी कि उसी क्रम में मनु कुमार ने अरुण मुखिया की पुत्री के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. जब मनु कुमार भतरंधा चौक पर आया तो अरुण मुखिया और उनके परिजनों ने मिलकर मनु को पकड़कर उसके साथ मारपीट कर उसका बाइक रख लिया. तब सामाजिक तौर पर मामला शांत कर उन्हें छुड़ा दिया गया
पुनः अगले दिन अरुण मुखिया के पुत्र दिलखुश कुमार और अनिल मुखिया के पुत्र मनु कुमार दोनों बाइक से मनु कुमार के घर की तरफ गया तो मनु कुमार दोनों लड़का को पकड़ लिया और बाइक सहित दोनों को दरवाजा पर बैठा लिया. कुछ देर बाद अनिल मुखिया के पुत्र मनु कुमार को छोड़ दिया. वहीं अरुण मुखिया के पुत्र दिलखुश को बैठा कर बोला जब तक मेरा बाइक नहीं दोगे तब तक तुम को जाने नहीं देंगे. यह जानकारी अरुण मुखिया को लगा तो उन्होंने परमानपुर ओपी पर अपहरण कर लेने की सूचना एवं आवेदन दिया. साथ ही वरीय पदाधिकारी को भी अपहरण कर लेने की सूचना दी गई. जिसके बाद पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई लेकिन पुलिस की सतर्कता के कारण बच्चे बरामद कर लिए गए.
वहीं ओपी अध्यक्ष कमलेश प्रसाद ने बताया कि पीड़ित पक्ष द्वारा आवेदन दिया गया है. आवेदन में पीड़ित द्वारा लिखा गया है कि आपसी पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद था. पीड़ित पक्ष के द्वारा आवेदन मिला है, कार्रवाई की जाएगी.

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