स्थानीय ग्रामीण व एक बच्ची के पिता मधुरंजन कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम में कोल्हुआ गांव के रामकुमार यादव उर्फ रामा के दरवाजे पर भगैत कार्यक्रम शुरू हुआ था. उसके बाद बुधवार की सुबह बच्चों के बीच चावल, गेहूं का आटा, शक्कर का प्रसाद बांटा गया. प्रसाद खाते ही बच्चे बेहोश होने लगे तब आनन् फानन् में परिजनों द्वारा सभी बच्चों को इलाज कराने के लिए पीएचसी शंकरपुर लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उचित दवाई देकर सदर अस्पताल मधेपुरा भेज दिया गया. गाँव में अफरातफरी का माहौल है.
बताया जा रहा है कि बच्चे फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए हैं. बताया गया कि रामकुमार यादव के यहाँ बुधवार को शादी भी है. जिन बच्चों की स्थिति बिगड़ी है उनमें प्रिंस कुमार (5), सुजीत (7), रियांश(2), अलका(5), अनीकांत (3),अमन(2), संतोषी कुमारी(5), लक्ष्मी(3), दर्शन कुमार(5), प्रिया कुमारी(5), सपना(5), गोलू (4), काजल (2), शंकर(7), सिंपू (9), प्रीति(5) आदि शामिल हैं लेकिन इसकी तबियत खराब बताई जा रही है. इस बावत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शंकरपुर में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर विमल कुमार ने बताया कि पीएचसी में 16 बच्चे को बेहोशी की हालत में लाया गया था, जिसका उपचार कर सदर अस्पताल मधेपुरा रेफर कर दिया गया है.
वहीं थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने बताया कि आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं पीएचसी प्रभारी डॉक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि साढ़े बारह बजे बच्चों को लेकर पीएचसी आया था. जिसे ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उचित दवाई और सुई देकर सदर अस्पताल रेफर कर दिया. इस दौरान कुछ बच्चों को एम्बुलेंस से और कुछ बच्चों निजी गाड़ी से भेजा गया. उन्होंने बताया कि बच्चों को देखने से प्रथम दृष्टया फूड पॉइजनिंग के ही शिकार लगते हैं. अब वरीय अधिकारियों के निर्देश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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