मौके पर महिला पर्यवेक्षिका राजकुमारी देवी व मीणा चन्द ने बताया कि गोद भराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के बारे में गर्भवती महिलाओं को अवगत कराना है. माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए. बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ ही गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यु दर में कमी भी लाता है.
गर्भ के दौरान शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा का होना जरूरी होता है. इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को मासिक पौष्टिक आहार वितरित किया जाता है. हरी साग-सब्जी, सतरंगी फल, दाल, सूखे मेवे एवं दूध के सेवन से आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है.
कोरोना काल को देखते हुए गभर्वती के घर पर गोद भराई का आयोजन किया गया. गर्भवती महिलाओं को लाल चुनरी ओढ़ा कर एवं माथे पर लाल टीका लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत हुई. प्रखंड क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर उत्सव पूर्वक गोद भराई का आयोजन हुआ.

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