लोगों ने बताया कि अस्पताल मे एक एंबुलेंस ईएमटी जुबैर आलम के द्वारा सभी घायलों का इलाज किया गया । डॉक्टर नहीं रहने की वजह से आम लोगों ने जमकर बवाल काटा तथा बुद्धिजीवी लोगों के समझाने के बाद सभी लोग शांत हुए. हालांकि उनका हंगामा करना जायज बताय जा रहा था क्योंकि लोग जीवन और मौत से जूझते हुए हॉस्पिटल पहुंचते हैं और वहाँ डॉक्टर नदारद मिले तो हंगामा करना तो जायज है। सरकार की भी गाइडलाइंस है कि होली के पर्व में सभी हॉस्पिटल में डॉक्टर मौजूद रहेंगे इसके बावजूद भी हॉस्पिटल डॉक्टर नहीं मिलना सरकार की आदेश की धज्जियां उड़ाना है। जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों के द्वारा अधिकारियों को कॉल करने के बाद घंटो बाद चिकित्सक डॉ राकेश कुमार अस्पताल आये. लोग उन पर भी बरसे. उन्होंने कहा कि हमारी ड्यूटी अभी नहीं थी हमारी ड्यूटी दिन में थी दिन में हमने घायलों इलाज किया है। पूर्व उप प्रमुख विनोद सिंह, पूर्व मुखिया श्रवण पासवान, रितेश पासवान ने बताया की होली जैसे त्योहार मे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों के नदारद रहना स्वास्थ्य विभाग पर बहुत बड़ा सवाल है। लोगों ने ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सक के खिलाफ कारवाई की मनाग की । उधर डॉ राकेश कुमार ने परी खातून, एवं प्रदीप सरकार को भागलपुर हायर सेंटर रेफर कर दिया।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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March 29, 2021
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