NSUI जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जिस प्रकार से काँग्रेस, राजद समेत विभिन्न विपक्षी दल के माननीय विधायकों के साथ दुर्व्यवहार और पुलिस के द्वारा मारपीट किया गया यह अनैतिक, अलोकतांत्रिक और तानाशाही की पराकाष्ठा को पार करना है. इसकी जितनी निंदा की जाय कम है. जनतंत्र की जननी बिहार के दामन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बदनुमा कालिख पोता है. जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरएसएस और भाजपा के इशारे पर आवाम के संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर लगातार हमला कर रही है.
पिछले दिनों ही नीतीश कुमार ने बिहार के छात्रों और युवाओं को आंदोलन नहीं करने का धमकी और तुगलकी फरमान जारी किया था और अब तानाशाही की पराकाष्ठा को पार करते हुए अलोकतांत्रिक बिहार पुलिस अधिनियम 2021 लाया गया है. सरकार की मंसा है कि बिहार में चरम पर पहुंच चुके सरकारी तंत्र के जुल्म, अत्याचार, पुलिसिया दमन, अफसरशाही, बेरोजगारी, अशिक्षा, अपराध और अपने अधिकारों के लिये सरकार से सवाल नही करें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की आवाम के आवाज को पुलिसिया कार्यवाई और दमन से दबाना चाह रही है.
निशांत यादव ने कहा कि बिहार जनतंत्र की जननी है. यहाँ की आवाम तानाशाही और तुगलकी फरमान को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. प्रदर्शन में NSUI छात्र नेता हिमांशु राज, रौशन राज, जितेंद्र कुमार, सुजीत यादव, अरमान अली, नवीन कुमार, गोपी कुमार, अजय कुमार, नीतीश, पुरुषोत्तम कुमार, रौशन कुमार, शंकर कुमार, लाल बहादुर, मनीष यादव, पिंकू कुमार समेत दर्जनों छात्र नेता मौजूद थे.
(नि. सं.)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 24, 2021
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