


इस अवसर पर बी एन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ अनंत कुमार एवं
महाविद्यालय के प्राचार्य महेंद्र खिरहरी एवं सेवानिवृत्त शिक्षक एवं शिक्षकेतर
कर्मियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की. मौके पर
महाविद्यालय स्थापना काल में सेक्रेटरी के पद पर रहे स्वर्गीय कमलेश जी बापू के
पुत्र अभय कुमार एवं उनके पुत्र आनंद कुमार ने भी माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि
अर्पित की. इस अवसर पर कॉलेज में श्रद्धांजलि कार्यक्रम एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
भी आयोजित किए गए।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व कुलपति डॉ अनंत कुमार ने फीता काटकर किया। इस
अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन शब्दों में कहा इस महाविद्यालय में प्राध्यापक के
रुप से लेकर के प्राचार्य के रूप तक हमने कार्य किया तथा विश्वविद्यालय में कुलपति
रहते हुए भी कोसी क्षेत्र में शिक्षा के अलख को जगाने वाले कमलेश जी प्रसाद यादव
जो संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य एवं संविधान प्रारूप समिति के भी सदस्य रहे,
उनके आदर्शों को मूल रूप देने का प्रयास किया। उन्होंने कार्यक्रम में ही वर्तमान
कुलपति पर लगाए गए कुछ आरोपों को निराधार बताया और कहा कि इतने छोटे से बात में
इनका नाम जबरदस्ती घसीटा जा रहा है.
नवनियुक्त शिक्षकों से उन्होंने अनुरोध किया वे शैक्षणिक सुधार में सतत
प्रयत्नशील रहें, के पी महाविद्यालय के प्राचार्य महेंद्र खिरहरी ने अपने
संबोधन में कहा जी कमलेश्वरी बाबू का सपना था कि इस पिछड़े क्षेत्र के लोग शिक्षित
हो. अब के पी महाविद्यालय में विभिन्न विभागों में 8 नए शिक्षक आए हैं. अब हर विभाग में कक्षाएं नियमित रूप से
संचालित की जाएगी. एन सी सी और एन एस एस जो बिल्कुल ही मृतप्राय हो चुका था हमने
अपने अथक प्रयास से इसे छात्र हित में पुनः प्रारंभ करवाया ।
इस अवसर पर राजनीति
शास्त्र के सेवानिवृत्त एवं संस्थापक शिक्षक प्रो सच्चिदानंद यादव ने अपने शब्दों
में कहा कि एक समय था 30 जुलाई 1965 को हम मात्र -छह शिक्षकों ने इस कॉलेज की स्थापना में अपनी
अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें इतिहास विभाग में प्रो. नगेंद्र प्रसाद यादव,
अर्थशास्त्र में प्रो त्रिवेणी प्रसाद साह, अंग्रेजी में प्रो डीएन राम, मैथिली
में डॉ बालखण्डी झा, दर्शन शास्त्र में प्रो श्याम नारायण प्रसाद थे. उन्होंने कहा
तब से लेकर उच्च शिक्षा में अब गिरावट आ गई है. इसमें सुधार आवश्यक इस अवसर पर
प्रो नगेंद्र प्रसाद यादव ने अपने संबोधन में कहा कि उस समय
जिस समय की शिक्षा का इतना प्रचार प्रसार नहीं था उस समय कमलेश्वरी बाबू ने इस
क्षेत्र के बड़े-बड़े जमींदारों से जमीन शिक्षा दान के लिए मांगा.
कमलेश्वरी बाबू फिर 1972 में भी निर्वाचित हुए। बाबू कमलेश्वरी प्रसाद यादव पटना
विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र और बी एच यू से हिंदी में डबल एम ए किए थे। वे पटना
विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी प्राप्त किए थे। पहले ललित नारायण मिथिला
विश्वविद्यालय और अब बी एन मंडल विश्वविद्यालय से मुरलीगंज (मधेपुरा) के पास कमलेश्वरी
प्रसाद कॉलेज आज भी शिक्षा से उनकी स्मृति के जुड़ाव को दर्शाता है।
इस मौके पर छात्र छात्राओं द्वारा कई आकर्षक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए
जिसमें रानी कुमारी द्वारा मेरा रंग दे बसंती चोला गाकर सभी को भाव विभोर कर दिया
वही शालू और काजल स्वागत गान की बहुत ही सुंदर प्रस्तुति की कॉलेज की छात्रा
विक्की यादव द्वारा सुंदर कत्थक नृत्य मेरे ढोलना सुन प्यार की धुन का कुशल नृत्य
प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया मिथिलेश कुमार द्वारा तेरे नाम लिख सारा जीवन ओ
मां शारदे गया गया सुभाष सागर द्वारा इस तरह जिंदगी की शुरुआत कीजिए कुशल गजल
गायकी प्रस्तुत की गई आज के कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य हिंदी विभाग के
विभागाध्यक्ष अरविंद लाल दास ने किया आज कायॅक्रम मुख्य अतिथि के रुप में श्री अभय
कुमार यादव पूर्व सचिव के पी महाविद्यालय मुरलीगंज एवं आजीवन अभिषद सदस्य बी एन
मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा , विशिष्ट अतिथि के रुप में प्रोफेसर चिदानंद यादव प्रोफेसर
नगेंद्र प्रसाद यादव, प्रो रामशरण यादव प्रो हरि प्रसाद यादव पुवॅ विभागाध्यक्ष
हिंदी, बीएल हाई स्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक दिवाकर लाल दास भुवनेश्वरी मुरहो
उच्च विद्यालय के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक प्रभात कुमार मुरलीधर झा अमोल प्रसाद
यादव, नवनियुक्त शिक्षक महेंद्र मंडल,
एस के सिंह, मोहम्मद अली
अहमद अंसारी, विजय कुमार
पटवे, श्री ज्योति मंडल, सुशांत कुमार सिंह,
डॉ शिव शर्मा, शिक्षकेतर कर्मी में महेंद्र प्रसाद यादव गजेंद्र दास नीरज
कुमार प्रभाकर मंडल देवाशीष कुमार कुशल सामाजिक कार्यकर्ता जदयू रामचंद्र प्रसाद
यादव एवं एल पी एम कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी भी मौजूद थे.
मनाई गई के पी महाविद्यालय मुरलीगंज के संस्थापक की 116 वीं पुण्यतिथि
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 04, 2018
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