मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार के पास दो दिनों से एक बसहा मरा पड़ा है जिसके दुर्गन्ध से पूरे मंदिर परिसर के श्रद्धालु और दुकानदार परेशान हैं, लेकिन मंदिर प्रशासन के कानों पर जूँ नही रेंग रहा है ।
मंदिर प्रांगण में मौजूद श्रद्धालुओं ने बताया कि गुरूवार को लगभग 11 से 12 बजे के बीच मंदिर परिसर में रह रहे एक बसहा (बैल का प्रकार-धर्म में शिव की सवारी) का देहांत हो गया, जो काफी समय से बीमार भी था । दुर्गंध के कारण श्रद्धालुओं को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी । लेकिन मंदिर के नाम पर लाखों खर्च करने वाले मंदिर न्यास समिति के व्यवस्थापक ने उस बसहा के शव को उठाने या दफनाने की जहमत नहीं उठाई ।
जानकारी हो कि करोड़ पति बाबा सिहेंश्वरनाथ के दरबार आने वाले साधु संतो के लिये भोजन कागज पर भोजन की व्यवस्था है । लेकिन यह जान कर हैरानी होगी कि बाबा मंदिर में चढ़ाये गये पशुओं का लालन पालन एक भिखारी करता है । रामपुर के सुनिल कुमार ने बताया कि वे मंदिर परिसर में भीख मांग कर अपना और इस निर्दोष पशुओं का चारा लाते हैं । बीमार पड़ने पर दवा लाकर देते हैं । स्थानीय लोगों के पहल पर मृत बसहा के शव को निस्तारण करने का काम किया जा रहा था । मंदिर के प्रबंधक उदय झा ने कहा मरना तो एक प्रकिया है, कल मरा है आज फेकवा दे रहे हैं ।
जबकि जाप नेता पंकज भगत ने कहा अभी दो दिन ही हुआ है 15 दिन भी हो जाएगा तो इस ट्रस्ट के लोगों को फर्क नहीं पड़ेगा ।
सिंहेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार के पास दो दिनों से मरा पड़ा है ‘बसहा’, मंदिर प्रशासन बेखबर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 02, 2017
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