एक तो करेला दूजा नीम चढ़ा की तर्ज पर मधेपुरा
जिला में बाबा की नगरी सिंहेश्वर की लगभग सभी सडकों पर बरसात में चलना पहले ही मुश्किल था ऊपर से बरसात में ही पंचायत के पुरोधाओं के द्वारा नाला की सफाई के कारण सिंहेश्वर मुख्य सडक पर चलना दूभर हो गया है.
नालों से निकाले गये गंदे कीचड़ वर्षा के पानी में सड़क पर इस कदर फैल चुका है कि इसपर चलना अत्यंत मुश्किल है. वैसे सिंहेश्वर प्रखंड मुख्यालय के शर्मा चौक के पास और रोड नंबर 18 में सडक पर बने गड्ढों में पानी लबालब भर जाने से सड़क तालाब में तब्दील हो गया है.
अधिकांश लोगों का कहना है कि सरकारी योजनाओं की राशि को लूटने की जल्दीबाजी में बरसात में ही सडक साफ करने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है. लेकिन जनप्रतिनिधियो को जनता के समस्या से क्या मतलब? दुकानदारों का कहना है कि यह सफाई अगर बरसात से पहले की गई होती तो आज जैसी भयावह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती. फिलहाल लोग नरक से मुक्ति तो चाह ही रहे हैं.
जिला में बाबा की नगरी सिंहेश्वर की लगभग सभी सडकों पर बरसात में चलना पहले ही मुश्किल था ऊपर से बरसात में ही पंचायत के पुरोधाओं के द्वारा नाला की सफाई के कारण सिंहेश्वर मुख्य सडक पर चलना दूभर हो गया है.नालों से निकाले गये गंदे कीचड़ वर्षा के पानी में सड़क पर इस कदर फैल चुका है कि इसपर चलना अत्यंत मुश्किल है. वैसे सिंहेश्वर प्रखंड मुख्यालय के शर्मा चौक के पास और रोड नंबर 18 में सडक पर बने गड्ढों में पानी लबालब भर जाने से सड़क तालाब में तब्दील हो गया है.
अधिकांश लोगों का कहना है कि सरकारी योजनाओं की राशि को लूटने की जल्दीबाजी में बरसात में ही सडक साफ करने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है. लेकिन जनप्रतिनिधियो को जनता के समस्या से क्या मतलब? दुकानदारों का कहना है कि यह सफाई अगर बरसात से पहले की गई होती तो आज जैसी भयावह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती. फिलहाल लोग नरक से मुक्ति तो चाह ही रहे हैं.
जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से बाबा की नगरी नरक में तब्दील
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 04, 2016
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