‘हुई सस्ती बहुत ये शराब कि अब ज्यादा-ज्यादा पिया करो’: जिला मुख्यालय में आज खुली चार विदेशी शराब की दुकानों पर शराबियों की अनियंत्रित भीड़, लोगों ने पूछा, ‘ये कैसी शराबबंदी!’

“पथिक बना मैं घूम रहा हूँ,
सभी जगह मिलती हाला,
सभी जगह मिल जाता साकी,
सभी जगह मिलता प्याला,
मुझे ठहरने का, हे मित्रों,
कष्ट नहीं कुछ भी होता,
मिले न मंदिर, मिले न मस्जिद,
मिल जाती है मधुशाला.”
-हरिवंश राय बच्चन

     शराबबंदी को घोषणा से जहाँ आम लोगों में हर्ष का वातावरण देखा जा रहा था वहीँ सरकारी शराब की खुलती दुकानों पर उमड़ी भीड़ आम लोगों में ये कन्फ्यूजन पैदा करने में सक्षम है कि नीतीश बाबू की ये कैसी शराब बंदी है. दुकानों पर पहले से कई गुणा भीड़ जम रही है और अनुभवी पियक्कड़ों का कहना है कि अब शराब पहले से सस्ती हो गई है.
मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिला मुख्यालय में रेलवे स्टेशन के पास दो और मधेपुरा होटल के बगल में दो दुकानों के आज से चालू हो जाने से शराबियों में बीच जश्न का माहौल है और वे सरकार का धन्यवाद अदा कर रहे हैं.

कैसी है ये नई शराब की दुकानें?: इन दुकानों से मिली जानकारी के अनुसार इसमें कर्मचारी कॉन्ट्रेक्ट के हैं. एक दुकान में तीन सेल्समैन, दो ऑपरेटर, एक शॉप मैनेजर कार्यरत हैं. दूकान के बाहर गार्ड की मौजूदगी होगी. खरीददारों को रसीद काटकर बिल दिया जाता है. अभी आदेश की प्रत्याशा में बिना कोई पहचान या कागजात देखे ही शराब दिया जा रहा है. रसीद साथ में लेकर जाना है ताकि पुलिस को दिखाया जा सके कि सरकार के द्वारा नई शराब नीति के तहत उन्हें पीने को मुहैया कराया गया है. शराबियों का मानना है कि ये उन्हें लिए नीतीश जी का तोहफा है कि पहले वे छुपा कर शराब ले जाते थे और अब रसीद के साथ आराम से बिना छुपाये ले जा सकते हैं.

हुई सस्ती शराब?: शराब के खरीददारों का कहना था कि पहले अक्सर उन्हें प्रिंट रेट से ज्यादा कीमत पर शराब खरीदनी पड़ती थी पर अब प्रिंट रेट पर शराब मिलने से वे एक-दो पैग ज्यादा लगा सकते हैं. बताया गया कि आज मधेपुरा में विदेशी शराबों की कीमत कुछ इस प्रकार थी- 8 PM (180 ml)- Rs. 85/-, McDowell (180 ml)- Rs. 111/-, Bagpaiper (180 ml) –Rs. 86/-, RS (180 ml)- Rs. 129/-, RC (180 ml)- 135/- . दुकाने सुबह 10 A.M. से रात के 10 P.M तक खुली रहेंगी.
   कई लोगों का मानना है कि अब देशी शराब पीने वाले विदेशी शराब की तरफ आकर्षित हो सकते हैं. हाथ में कई बोतल शराब ले जाते एक शराबी ने मुस्कुरा कर गजल गायक पंकज उधास की एक गजल को तोड़-मरोड़कर इस तरह कहा कि, “हुई सस्ती बहुत ये शराब रे, कि ज्यादा ज्यादा पिया करो.”
‘हुई सस्ती बहुत ये शराब कि अब ज्यादा-ज्यादा पिया करो’: जिला मुख्यालय में आज खुली चार विदेशी शराब की दुकानों पर शराबियों की अनियंत्रित भीड़, लोगों ने पूछा, ‘ये कैसी शराबबंदी!’ ‘हुई सस्ती बहुत ये शराब कि अब ज्यादा-ज्यादा पिया करो’: जिला मुख्यालय में आज खुली चार विदेशी शराब की दुकानों पर शराबियों की अनियंत्रित भीड़, लोगों ने पूछा, ‘ये कैसी शराबबंदी!’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 03, 2016 Rating: 5

1 comment:

  1. RAAT KA MAUSAM DEKH KE LAG NAHI RAHA THA KI SARAB BAND HUI HAI KAHI NITISH BABU BIHAR WALO KO BEWAKUPH TO NAHI BANA DIYA.........SAD

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