“राम नाम की लूट है,
लूट सके तो लूट,
अंत काल पछतायेगा
जब प्राण जायेंगे छूट"
भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानने वालों ने देश राज्य, जिले और समाज को कहीं का नहीं रखा. सोते-जागते मानो लूट की फिराक में ही रहते हों, जैसे लूट न हुआ स्वर्ग प्राप्ति का रास्ता हो गया. कई विभागों और कार्यों में बिचौलियों और ठेकेदारों के द्वारा स्पष्ट लूट के मामले आपने सुने होंगे पर मधेपुरा जिले के आलमनगर में गरीबों के लिए होने वाले शौचालय निर्माण में भी लूट का मामला उजागर हुआ है, जिसपर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए दोषियों पर एफआईआर का आदेश दे दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार आलमनगर प्रखंड में स्वच्छता अभियान के तहत हो रहे शौचालय निर्माण के अंतर्गत सरकार द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहन राशि देने के नाम पर बिचौलिए एवं पीएचईडी समन्वयक के द्वारा खुले आम अवैध वसूली की शिकायत लाभार्थियों ने ही पहले पदाधिकारी और फिर भागीपुर नरथुआ पंचायत के
नरथुआ निवासी संजीव यादव ने जिला पदाधिकारी तक पहुंचाई. संजीव यादव के द्वारा विगत जनता दरबार में गुहार लगाया कि उनके द्वारा शोचालय निर्माण करने के बावजूद उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं दिया जा रहा जबकि पंचायत में ऐसे लोगों को प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है जिसने शौचालय बनाया ही नहीं.
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला पदाधिकारी मो० सोहैल ने प्रखंड विकास पदाधिकारी मो0 मिन्हाज अहमद को जांच कर दोषी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दे दिया. जिला पदाधिकारी के निर्देश पर जांच करने गए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने पाया कि सचमुच कई मामलों में बिना शौचालय निर्माण के ही प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया गया है. यह भी पता चला कि एक शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि 12 हजार रूपये दिए जाते हैं जिसके एवज में समन्वयक को चार हजार रूपये देने के बाद ही राशि लाभार्थी के खाते में डाला जाता है.
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी मिन्हाज अहमद ने बताया कि पीएचईडी विभाग के कॉर्डिनेटर व नाजायज लाभार्थी पर प्राथमिकी दर्ज किया जायेगा.
लूट सके तो लूट,
अंत काल पछतायेगा
जब प्राण जायेंगे छूट"
भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानने वालों ने देश राज्य, जिले और समाज को कहीं का नहीं रखा. सोते-जागते मानो लूट की फिराक में ही रहते हों, जैसे लूट न हुआ स्वर्ग प्राप्ति का रास्ता हो गया. कई विभागों और कार्यों में बिचौलियों और ठेकेदारों के द्वारा स्पष्ट लूट के मामले आपने सुने होंगे पर मधेपुरा जिले के आलमनगर में गरीबों के लिए होने वाले शौचालय निर्माण में भी लूट का मामला उजागर हुआ है, जिसपर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए दोषियों पर एफआईआर का आदेश दे दिया है.
मिली जानकारी के अनुसार आलमनगर प्रखंड में स्वच्छता अभियान के तहत हो रहे शौचालय निर्माण के अंतर्गत सरकार द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहन राशि देने के नाम पर बिचौलिए एवं पीएचईडी समन्वयक के द्वारा खुले आम अवैध वसूली की शिकायत लाभार्थियों ने ही पहले पदाधिकारी और फिर भागीपुर नरथुआ पंचायत के

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला पदाधिकारी मो० सोहैल ने प्रखंड विकास पदाधिकारी मो0 मिन्हाज अहमद को जांच कर दोषी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दे दिया. जिला पदाधिकारी के निर्देश पर जांच करने गए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने पाया कि सचमुच कई मामलों में बिना शौचालय निर्माण के ही प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया गया है. यह भी पता चला कि एक शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि 12 हजार रूपये दिए जाते हैं जिसके एवज में समन्वयक को चार हजार रूपये देने के बाद ही राशि लाभार्थी के खाते में डाला जाता है.
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी मिन्हाज अहमद ने बताया कि पीएचईडी विभाग के कॉर्डिनेटर व नाजायज लाभार्थी पर प्राथमिकी दर्ज किया जायेगा.
समस्या बड़ी गंभीर है. एक तरफ सरकार खुले में शौचालय न जाने की सलाह देते हुए महिलाओं का खुले में शौच जाने को इज्जत से जोड़कर देखती है, दूसरी तरफ ये दलाल किस्म के लोग इनके लिए बनने वाले शौचालय में बाधा बनते हैं. कड़े स्टेप्स की जरूरत है ताकि इन्हें कुछ दिन गुजारने पड़े जेल में.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
गांधी के सपनों के भारत में शौचालय में भी लूट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 11, 2016
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