
गाँव के
ही देव नारायण सिंह, अरूण कुमार सिंह, कपिलदेव सिंह समेत दर्जनों ग्रामीणों तथा
मधुबन महादलित मुसहरी टोला वार्ड नं. 7 के भी दर्जन भर महादलितों ने जदयू के
राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद शरद यादव को आवेदन लिखकर कहा है कि इस योजना के नाम पर
मात्र 600 फीट सड़क निर्माण के लिए 32,52,500/- रू० स्वीकृत किये गए हैं जिसमे से
24,39,375/-रू० की निकासी भी की जा चुकी है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस योजना के निर्माण
के तहत महज 159 फीट ही सरकारी जमीन है और बाकी जमीन रैयती है, जिसपर जबरन सड़क
निर्माण कार्य कराने के प्रयास किये जा रहे हैं. जबकि बिहार सरकार के ग्रामीण
कार्य विभाग ने अपने पत्रांक 128 दिनांक 22.01.2015 में साफ़ निर्देश दिया है कि
निजी भूमि में पथ निर्माण या मिटटी कटाई बगैर भू-दाता की सहमति के किसी भी स्थिति
में नहीं किया जा सकता है.
सांसद शरद यादव की योजना मद से हो रहे इस निर्माण
कार्य के शुरू होते ही रैयती जमीन वाले ग्रामीणों, जिनकी जमीन इस पूरी योजना में पड़ती
है, ने इस निर्माण कार्य का विरोध करना शुरू कर दिया है. आरोप है कि इसमें राशि की बंदरबांट
करने की नीयत से अधिकारियों ने रैयती जमीन पर भी सड़क निर्माण की प्रशासनिक
स्वीकृति दे दी है, जो सरकारी राशि का दुरूपयोग है.
उधर
वार्ड नं. 7, महादलित टोले के लोगों का आरोप है कि इस योजना को अधिकारी की मिलीभगत
से वार्ड नं.7 से वार्ड नं. 5 में स्थानांतरित करवा लिया गया है, जहाँ इसका कोई
औचित्य ही नहीं है. जबकि 1000 हजार आबादी वाले मुसहरी टोला का संपर्क पथ हर बरसात
में टूट जाता है जिससे महादलितों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
दिए गए
आवेदनों की प्रति दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही के लिए मुख्य मंत्री और डीडीसी
समेत दर्जन भर उच्चाधिकारियों को भेजी गई है. (नि० सं०)
शरद यादव की योजना से निर्मित हो रहे सड़क निर्माण पर उठा विवाद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 31, 2015
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