सावधान! कहीं आपके होम ट्यूटर भी ऐसे तो नहीं.......... ! (भाग-1)

शिल्पी छैनी से करे,  
सपनों को साकार!
अनगढ पत्थर से रचे,  
मनचाहा आकार!!
माटी रख कर चाक पर,  
घड़ा घड़े कुम्हार!
श्रेष्ठ गुरू मिल जाय तो,  
शिष्य पाय संस्कार!!

गुरू और शिष्य के संबंध में लिखा गया यह दोहा उस जमाने का है जिस जमाने में गुरू को गोविंद से भी श्रेष्ठ माना जाता था. लेकिन आये दिन समाज में दागदार व कलंकित होते गुरू और शिष्य/शिष्या के रिश्ते को समाज श्रेष्ठ नहीं मान सकता.
कोसी समेत अन्य इलाके में हाल के दिनों घटित घटनाओं ने अभिभावकों को झकझोर कर रख दिया है. उनके मुख से इस संबंध में एक ही आवाज होती है कहीं आपके होम ट्यूटर उनके जैसा तो नहीं है, जो शिक्षक व छात्रा के रिश्ते को तार तार कर गया. गत सोमवार की दोपहर सुपौल जिले के राघोपुर के एक नामी होटल में एक गुरू व शिष्या को आपत्तिजनक स्थिति में पाये जाने पर जानकार बताते है कि समाज में खुलापन व अभिभावकों की व्यस्तता और बच्चों पर ध्यान ने देकर जायज-नाजायज तरीके से पैसे कमाने की होड़ से भी बच्चे बिगड़ रहे हैं और उन्हें आसानी से बहलाया-फुसलाया जा रहा है. हमने जब ऐसे रिश्ते पर इलाके की कुछ लड़कियों समेत कई बुद्धिजीवियों से कारण जानना चाहा तो एक बड़ा कारण शिक्षकों के रूप में युवा वर्ग के अविवाहित या विवाहित शिक्षकों का शिक्षण कार्य में प्रवेश भी है, जिनमें से कई चारित्रिक रूप से कमजोर साबित होते हैं. मधेपुरा जिले में भी कई घटनाएं लोगों को सन्न कर चुकी हैं. मुरलीगंज थानाक्षेत्र के रामपुर में तो एक प्राइवेट शिक्षक पर अपनी कई नाबालिग शिष्याओं के अश्लील सीडी बना लेने के आरोप हैं तो शंकरपुर के एक स्कूल में तो एक मनचले शिक्षक की करतूत से छात्राओं ने कई दिनों तक स्कूल जाना ही छोड़ दिया था. उदहारण अनगिनत हैं, पर लगाम अबतक नहीं लगाया जा सका है. सच्चाई यह है कि ऐसी शर्मनाक घटना की चपेट में सिर्फ कोसी और बिहार ही नहीं, कमोबेश देश का अधिकाँश हिस्सा है.
अधिकाँश लोगों का मानना है कि लड़कियों के जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही ऐसे मानसिक रोगी गुरु उन्हें एबीसीडी छोड़ो, नैना से नैना जोड़ो की तर्ज पर प्रेम-ग्रंथ भी पढ़ाना शुरू कर देते हैं. हालाँकि ऐसे शिक्षकों की संख्यां दो-चार ही है, पर जहाँ शिक्षक को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया गया है (गुरु गोविंद दोऊ खड़े काको लागूं पायं। बलिहारी गुरु आपने जिन गोविंद दियो बताय।।) वहां ऐसे शिक्षक गुरु और भगवान दोनों के नाम को कलंकित कर रहे हैं.
लोक लज्जा के कारण भले ही इसे अधिकाँश मामले दबा दिए जाते हों, पर कई मामले में ये खतरे की घंटी साबित हो जाते हैं. गुरु-शिष्या के अवैध सम्बन्ध के परवान चढ़ने पर अभिभावकों को समाज के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है. अधिकाँश मामले भले ही दब जाएँ, लेकिन इसके समाधान की जिम्मेदारी अभिभावकों को स्वयं लेनी पडेगी. देखा गया है कि लडकी के अपहरण के दर्ज अधिकाँश मामलों के खुलासे में भी मामला प्रेम प्रसंग का ही निकलता है. (क्रमश:)
सावधान! कहीं आपके होम ट्यूटर भी ऐसे तो नहीं.......... ! (भाग-1) सावधान! कहीं आपके होम ट्यूटर भी ऐसे तो नहीं.......... ! (भाग-1)             Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 21, 2015 Rating: 5

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