|नि.सं.|23 जून 2014|
मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज प्रखंड नाजिर पर जिला
प्रशासन की गाज गिरी है. नाजिर सत्यप्रिय पर कर्त्तव्यहीनता के आरोप लगे और साबित
भी हो चुके हैं.
      मामला
उदाकिशुनगंज प्रखंड में संधारित कैश बुक को अपडेट नहीं करने से सम्बंधित है. कई
वर्षों से कैश बुक अपडेट नहीं करने पर जब उदाकिशुनगंज के तत्कालीन एसडीओ ने वर्ष
2012 में ही नाजिर को कैशबुक अपडेट करने का लिखित आदेश दिया था, परन्तु वरीय
अधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए नाजिर ने कैशबुक अपडेट नहीं किया. तब जाकर
एसडीओ ने पत्रांक 270-2 दिनांक 01.02.2013 के द्वारा बीडीओ के माध्यम से सत्यप्रिय
कुमार, उच्च वर्गीय लिपिक सह नाजीर, प्रखंड कार्यालय उदाकिशुनगंज से स्पष्टीकरण की
मांग की. परन्तु नाजिर ने स्पष्टीकरण का भी जवाब नहीं दिया.
      मामले
को गंभीर मानते हुए प्रशासन ने नाजिर सत्यप्रिय कुमार के खिलाफ आरोप पत्र प्रपत्र ‘क’ गठित कर जांच का आदेश दे दिया. जांच में कर्त्तव्यहीनता का
मामला सत्य पाया गया और मधेपुरा के जिलाधिकारी के द्वारा बिहार सरकारी सेवा
(वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 संशोधित 2010 के नियम 14(I) तथा (VI) के
तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए नाजीर सत्यप्रिय कुमार का दो वेतन वृद्धि
संचायात्मक प्रभाव से रोक दिया गया और साथ ही कर्त्तव्यहीनता के लिए इन्हें निन्दन
की सजा भी दी गई है.
      जाहिर
है, प्रशासन के इस आदेश का असर बाकी कर्त्तव्यहीन अधिकारियों और कर्मचारियों पर
पड़ेगा जो सिस्टम में सुधार की दृष्टि से अत्यंत ही आवश्यक है.
उदाकिशुनगंज नाजिर पर गिरी जिला प्रशासन की गाज, कर्त्तव्यहीनता का आरोप
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