निष्पक्षता, निर्भीकता और बेबाक पत्रकारिता के पांचवें वर्ष में

मैं अकेला चला था जानिए मंजिल
 लोग आते गए कारवाँ बनता गया.

शुक्रिया सुधि पाठकों, 
     आपके स्नेह और विश्वास से लवरेज सानिध्य में पांचवें वर्ष में हम प्रवेश कर चुके हैं. प्रसव वेदना के बाद अस्तित्व के लिए संघर्ष की कवायद में आपका नैसर्गिक सहयोग हमारा संबल साबित हुआ और नतीजा यह है कि अब हम पत्रकारिता के नए आयाम गढ़ रहे हैं. हमें अच्छी तरह याद है कि जब हमने संघर्ष का शंखनाद किया था तो सबसे अधिक विरोध का सामन उस पत्रकार बिरादरी का ही करना पड़ा था जो आज झूठी शान, बिगड़े ईमान और बिक चुके स्वाभिमान का पर्याय बन चुका है. हम न तो कोई दावा करना चाहते हैं और न ही किसी घुड़दौड़ में शामिल हैं, क्योंकि बौनों की सभा में बड़ा होने एहसास कितना खोखला है, यह हमें भली भांति पता है. बेबाकी और निष्पक्षता के साथ जन चौकीदार बनने की जिस मंशा के साथ 21 मार्च 2010 को आपके सामने हम आये थे, उस पर खड़े उतरने की कवायद में हम आज भी अंतर्मन से पूरी टीम के साथ जुटे हैं. पत्रकारिता जगत के इस अबोध यात्री की संघर्ष यात्रा में आप सुधि पाठकों की आलोचना, समालोचना, सुझाव और सलाह का सहर्ष स्वागत है.

      मित्रों, पत्रकारिता की राह निष्कलंक, निष्कपट और निर्विवाद नहीं है. ऐसे में काजल की कोठरी में बेदाग़ बने रहने को हम चुनौती के रूप में स्वीकार करते हैं. इंटरनेट के माध्यम में हजारों किलोमीटर और सात समुन्दर पार बैठे हमवतनों को उनकी सरजमीं से जोड़े रखना हमारी उपलब्धि है. सीमित संसाधनों के बीच मधेपुरा जैसे कस्बाई शहर से हमने जिस संचार क्रान्ति का शंखनाद किया है उसे मुकाम तक पहुँचाना हमारा उद्येश्य है. सत्ता की दहलीज पर बैठे बहरूपिये हों या पत्रकारिता जगत के मुंडेर पर बैठे खेसारीलाल, उन्हें बेनकाब करना हमारा मकसद है और भ्रष्ट व्यवस्था, निरंकुश तंत्र, शोषण और अत्याचार के खिलाफ लाखों लोगों की आवाज बनना हमारी चाहत है. पांचवें वर्ष के प्रवेश द्वार पर हम इस प्रतिबद्धता के साथ अपने सफर को जारी रखना चाहेंगे कि-

इस पथ का उद्येश्य नहीं है, श्रांत भवन में टिके रहना
किन्तु पहुंचना उस सीमा के पार, जिसके आगे राह नहीं है.

आभार, आपसबों को हार्दिक शुभकामनाएं.
निष्पक्षता, निर्भीकता और बेबाक पत्रकारिता के पांचवें वर्ष में निष्पक्षता, निर्भीकता और बेबाक पत्रकारिता के पांचवें वर्ष में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 21, 2014 Rating: 5

6 comments:

  1. बहुत-बहुत शुभकामनाएं ।

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  2. आप स-परिवार को बहुत-बहुत शुभकामनाएं ..हमारा सहयोग आपको..और आपका सहयोग हमें निरंतर इसी तरह मिलता रहे

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  3. मधेपुरा जिला में बढते हिंसा पर नजर रखते हुए उसे रोकने में मधेपुरा टाईम्‍स का सबसे बडा योगदान रहा मैं मुरारी भईया काे बधाई देता हू जो बेस्‍ट प्रदर्शन करते हुए मधेपुरा वासियों को अपने पत्रकारिता से एक दर्पण के रूप में मधेपुरा से रू ब रू कराते रहते हैं विजय

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  4. मधेपुरा जिला में बढते हिंसा पर नजर रखते हुए उसे रोकने में मधेपुरा टाईम्‍स का सबसे बडा योगदान रहा मैं मुरारी भईया काे बधाई देता हू जो बेस्‍ट प्रदर्शन करते हुए मधेपुरा वासियों को अपने पत्रकारिता से एक दर्पण के रूप में मधेपुरा से रू ब रू कराते रहते हैं विजय

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  5. aap jhuti dave karte ho aapke ek patrakar jiska nam sanjay ,murliganj tha usne kha ki benga pull murliganj se koi dhunwa nahi nikalta hai yah ek apwah hai to aap ne nahi mana aap virodh karne par aapne use nikal diya jabki madhepura times ka wah suru se patrakar rah chuka .sanjay ne aap ki baton ka support nahi kiya aur sanjay sacchi ke paksh mein khara tha . mein bhi wahi pas men khara tha. u r also corrupt.
    raju from murliganj

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  6. sabse badi bat ye hai ki Madhepura jaise choti jagah se successfully online magazine nikalna credit wali bat hai.

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