मधेपुरा में एक नए खुले क्लिनिक पर इस बात को लेकर
कि बच्चा बदल लिया गया है, पर जबरदस्त हंगामा हुआ. हंगामे को देखकर जहाँ मधेपुरा
पुलिस मौके पर पहुँच गई वहीँ समाचार लिखने तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई थी कि
जिन्दा बच्चा किसका है और मरा हुआ किसका?
घटना
मधेपुरा जिला मुख्यालय के बाय पास रोड में पंचमुखी चौक के पास ‘सत्यभामा प्लाजा’ में हाल में ही खुले डा० अजय
कुमार के क्लिनिक पर हुआ. प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ गत 02 जनवरी को खाड़ी गाँव की
नूतन देवी ने अपने उसी दिन पैदा हुए बच्चे को इस क्लिनिक में एडमिट कराया जबकि
मौरा गाँव की सुलोचना देवी ने भी उसी दिन पैदा हुए अपने बच्चे को एडमिट कराया.
दुर्भाग्यवश चिकित्सक के जांच के लिए रखे गए दोनों बच्चों में से एक की मौत हो गई
और फिर उसके बाद हंगामा खड़ा हो गया. नूतन देवी और सुलोचना देवी दोनों के ही दावे
थे कि जिन्दा बच्चा उनका है.
दोनों
पक्षों की ओर से उनके परिजनों ने क्लिनिक पर जमकर हंगामा किया. जिन्दा बचे बच्चे
को दोनों पक्ष अपना बता रहे थे और एक पक्ष कह रहा था कि उन्हें बीच में ही क्लिनिक
से डांट कर भगा दिया गया था और इसी बीच में उसके जिन्दा बच्चे को मरे हुए बच्चे के
परिजनों को सौंप दिया और उन्हें कहा गया कि उनका बच्चा मर गया है.
मामले
को सुलझाने कुछ चिकित्सक और स्थानीय लोग जमा थे, पर समाचार लिखने के समय जब
क्लिनिक के कम्पाउंडर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक मामला सुलझा नहीं
है.
जो भी
हो, यहाँ ‘सर
मुड़ाते ही ओले पड़े’ वाली
कहावत चरितार्थ हो रही है. शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में अभी सप्ताह भर पहले खुले डा०
अजय कुमार के क्लिनिक पर इस तरह का गंभीर दाग लगना मधेपुरा की शायद पहली बड़ी घटना
है.
एक बच्चे के दो दावेदार: मधेपुरा में क्लिनिक पर हंगामा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 04, 2014
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