|कुमारी मंजू|25 दिसंबर 2013|
21 दिसंबर को दीक्षांत समारोह आयोजित करने के नाम पर
प्रभारी कुलपति के निर्देश पर सैंकडों छात्रों से लाखों रूपये की वसूली की गई.
इसके निष्पादन के लिए डा० जयशंकर यादव को उप कुलसचिव बनाया गया था. समाचार पत्रों
में विज्ञापन देकर कहा गया था कि 21 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित
दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति भाग लेंगे तथा विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण छात्रों
के बीच डिग्री का वितरण करेंगे. किन्तु क़ानून की पेंच में फंसे
कुलपति इस कार्यक्रम के आयोजन में विफल रहे.
कार्यक्रम बाधित होने के बाद इसकी सूचना समाचार पत्र अथवा पत्र के माध्यम से उन
छात्रों को दिया जाना चाहिए था जिसने इसमें सम्मिलित होने के लिए रूपये जमा किये
थे. किन्तु विश्व विद्यालय में व्याप्त अंधेरगर्दी ने इस सम्बन्ध में कोई सूचना
नहीं दी. लिहाजा दर्जनों छात्र 21 दिसंबर को विश्वविद्यालय आये और निराश होकर लौट
गए. कुल मिलाकर संक्रमण काल से गुजर रहे इस विश्वविद्यालय की स्थिति नाजुक है.
लोगों की नजर महामहिम के कार्यकलाप पर ही टिकी है. उसपर न्यायालय के आदेश पर
कार्यवाहक कुलपति के क्रियाकलाप की जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति गठित किया जाना है
जो कुलपति द्वारा नियमित कार्यों की जांच कर इसका प्रतिवेदन न्यायालय को समर्पित
करेगा.
कुलपति इस कार्यक्रम के आयोजन में विफल रहे.
कार्यक्रम बाधित होने के बाद इसकी सूचना समाचार पत्र अथवा पत्र के माध्यम से उन
छात्रों को दिया जाना चाहिए था जिसने इसमें सम्मिलित होने के लिए रूपये जमा किये
थे. किन्तु विश्व विद्यालय में व्याप्त अंधेरगर्दी ने इस सम्बन्ध में कोई सूचना
नहीं दी. लिहाजा दर्जनों छात्र 21 दिसंबर को विश्वविद्यालय आये और निराश होकर लौट
गए. कुल मिलाकर संक्रमण काल से गुजर रहे इस विश्वविद्यालय की स्थिति नाजुक है.
लोगों की नजर महामहिम के कार्यकलाप पर ही टिकी है. उसपर न्यायालय के आदेश पर
कार्यवाहक कुलपति के क्रियाकलाप की जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति गठित किया जाना है
जो कुलपति द्वारा नियमित कार्यों की जांच कर इसका प्रतिवेदन न्यायालय को समर्पित
करेगा.
( मंडल विश्वविद्यालय की दुर्गति पर हमारी अगली रिपोर्ट..जल्द
ही)
मंडल वि०वि०: दीक्षांत समारोह के नाम पर वसूली की गई राशि, पर....
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 25, 2013
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