ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस समस्या को लेकर शासन–प्रशासन और स्थानीय विधायक निरंजन मेहता को कई बार लिखित आवेदन देकर अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि जब मूलभूत सुविधा ही नहीं मिलेगी, तो वे मतदान कर नेताओं को क्यों चुनें।
ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि गांव तक सड़क नहीं होने से एंबुलेंस और दमकल वाहन नहीं पहुंच पाते। कई बार आगजनी और बीमार मरीजों की हालत बिगड़ने की घटनाएं घट चुकी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शादी-ब्याह के मौके पर बारात गांव तक नहीं पहुंच पाती, जिससे बेटियों की शादी में भी दिक्कत आती है।
ग्रामीणों ने कहा कि “वोट मांगने के समय नेता आते हैं, झूठे वादे करते हैं, और चुनाव के बाद गायब हो जाते हैं।” उन्होंने मांग की कि गांव से स्टेट हाईवे-91 तक संपर्क पथ का तत्काल निर्माण कराया जाए, अन्यथा वे मतदान से दूर रहेंगे।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से कृष्णकांत मंजू, सच्चिदानंद दास, रविंद्र दास, नीतीश कुमार, ललटू दास, गोपाल दास, मंजय दास, दिनेश कुमार, कलेश दास, अभिनंदन दास, दीपक कुमार, उमेश दास, प्रमोद दास, मधु कुमारी, महारानी देवी, रिंकू देवी, प्रमिला देवी, रोशन देवी, अस्मिता कुमारी, कोमल कुमारी, मनीषा कुमारी, कुंदन देवी, रघु दास, राजेश दास, रमेश दास, मंगल दास, पंकज दास सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 02, 2025
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