‘मूंछें हो तो पांडे जी जैसी, वर्ना न हो..’

|पंकज भारतीय|27 अक्टूबर 2013|
शाहरूख और सलमान तथा आमिर के इस युग में भले ही चेहरे से मूछें गायब हो रही हों, लेकिन कैमूर निवासी भागलपुर पुलिस बल में तैनात हवलदार विजय शंकर पांडे मानते हैं कि मूछें मर्दों की पहचान होती हैं और देश की शान भी होती है. लगभग दस साल पहले मूछें बढाने का शौक पांडे जी ने जब पाला तो फिर यह सिलसिला चल पड़ा. तजा हाल यह है कि पांडेजी
की मूछें दो फीट लंबी हो चुकी हैं. रोजाना मूंछ में केश किंग तेल लगाते हैं. उनका मानना है कि इससे मूंछ मुलायम रहती है और उसमें पर्याप्त वृद्धि भी होती है. पांडे जी को वर्ष 2010 में मुंगेर के तत्कालीन डीएम ने शानदार मूंछ के लिए पुरस्कृत भी किया है. मुंगेर रेंज के तत्कालीन डीआईजी अनिल किशोर यादव विजय शंकर पांडे के मूछों के कायल हैं. यही वजह थी कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से कह डाला था कि मूंछें हो तो पांडे जी जैसी, वर्ना न हो..
      पांडे जी की मूछों की खासियत ये है कि वे जब चाहें इसे हवा में लहरा सकते हैं और अगर इच्छा हुई तो कानों से इसे जकड़ देते हैं. बहरहाल पांडे जी भागलपुर के विख्यात चौहान कोचिंग सेंटर के निदेशक संजय चौहान के अंगरक्षक हैं. अगर आप भी पांडे जी जैसी मूछें रखना चाहते हों तो उनसे उनके मोबाइल नंबर 9473045629 पर सलाह ले सकते हैं.
[Peculiar Moustache Story on Madhepura Times]
‘मूंछें हो तो पांडे जी जैसी, वर्ना न हो..’ ‘मूंछें हो तो पांडे जी जैसी, वर्ना न हो..’ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 27, 2013 Rating: 5

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