शरद का वेबसाईट: क्या आलोचनाओं से घबराते हैं सांसद ?

 |वि० सं०|14 अक्टूबर 2013|
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के सांसद ने जब गत 4 अक्टूबर को अपना वेबसाईट (http://sharadyadavjdu.in) शुरू किया तो माना गया कि इंटरनेट के बढ़ते प्रसार की वजह से वे इस माध्यम से जनता के और करीब होना चाहते हैं. अपने वेबसाइट पर सांसद महोदय ने एक कॉलम पब्लिक ऑपिनियन भी सम्मिलित किया और उसमें लिखा, Share your opinions/grievances/Suggestions to help us advance for betterment.
      नेट यूजर्स ने इस वेबसाईट का स्वागत किया और खास कर पब्लिक ऑपिनियन के इस कॉलम का भी. अपने विचार, शिकायतें और सुझाव व्यक्त करने के इस कॉलम में जनता ने कुछ लिखना भी शुरू किया. जाहिर सी बात है अपने अनुभव लिखने के क्रम में कुछ लोगों ने शरद यादव की आलोचना भी करनी शुरू कर दी. जैसे, एक विजिटर शिवेंदु ने लिखा, सर, आई एम बिग फैन ऑफ यू, बट जो अभी बिहार में हो रहा है, वो होना नहीं चाहिए था. आपको बीजेपी से नाता नहीं तोड़ना था. अगर ऐसा नहीं होता तब 2014 का लोकसभा इलेक्शन में मजा आता. अब तो आप लोगों ने खुद ही अपना वोटर अपनों से दूर कर लिया है. कुछ और भी आलोचनाओं के शब्द शरद यादव के वेबसाइट पर पोस्ट किये जाने लगे और कुछ ही घंटों के बाद अचानक पब्लिक ऑपिनियन के कॉलम में नजर आने लगा Under Construction. यानि कॉलम निर्माणाधीन है.
      जानकारों की मानें तो कॉलम जब टेस्ट के बाद पब्लिक के लिए खोल दिया गया था और लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई थी, तो इसका मतलब था कि इसका निर्माण पूरा हो चुका था. और यदि इसमें कुछ फॉल्ट आ गया था तो इसे दूर करना महज घंटे भर का काम था. पर आज आठ दिन से ज्यादा गुजर चुके हैं और पब्लिक ऑपिनियन का कॉलम अभी भी निर्माणाधीन ही है और कब तक रहेगा कुछ कहा नहीं जा सकता. विरोधी साफ़ कहते हैं कि अपनी आलोचना उन्हें रास नहीं आई.
      बीजेपी के जिला मंत्री सह प्रवक्ता दिलीप सिंह कहते हैं कड़वे सत्य को सब सहन नहीं कर पाते हैं. लगता है शरद जी के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. शरद जी के प्रति थोड़ी हमदर्दी बीजेपी कार्यकर्ताओं में शुरू में थी क्योंकि वे ही एक व्यक्ति थे जो चाहते थे कि गठबंधन न टूटे. पर अब जब उन्होंने खुल कर नरेंद्र मोदी की आलोचना शुरू कर दी है तो उनके प्रति हमदर्दी समाप्त हो गई है. अब बेहतर होगा कि वे इस क्षेत्र से नाता तोड़ लें और लोकसभा से अपनी उम्मीदवारी देने की बात भी न सोचें, तब ही उनकी प्रतिष्ठा बच सकती है.
शरद का वेबसाईट: क्या आलोचनाओं से घबराते हैं सांसद ? शरद का वेबसाईट: क्या आलोचनाओं से घबराते हैं सांसद ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 14, 2013 Rating: 5

1 comment:

  1. hi
    good effort ...

    but website development and maintenance team is hilarious ... all the images are with BJP leaders ... may be lack or research before development the political website ...

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