लाश बिछाने की तैयारी: 40 दिन में ढलाई गिरने की दूसरी घटना

|वि० सं०|30 सितम्बर 2013|
मुरलीगंज नगर पंचायत मानो लाश बिछाने की तैयारी में लगा है. नगर पंचायत क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य में छोटी अनियमितताओं का पर्दाफाश तो नहीं ही हो पाता है, पर बड़ी अनियमितता उजागर होते एर भी नहीं लगती. शनिवार को मुरलीगंज गोशाला चौक के पास बन रहे रैन बसेरा की पूरी की पूरी छत गिर जाने की घटना को कुछ लोगों के अनुसार स्थानीय मीडिया ने कुछ लेकर भले ही न छापा हो, पर घटना की गंभीरता को कमतर आंकना मुनासिब नहीं होगा.
      इस बावत मुरलीगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे तबियत खराब होने के कारण घटना के दिन के पूर्व से ही बाहर हैं और एक-दो दिनों के बाद पूरी जानकारी दे सकेंगे.
ऐसे समझिए गंभीरता को: इन दोनों निर्माण कार्यों में बड़ी चूक से इंकार करना मानसिक दिवालिएपन की पहचान होगी. इंजीनियर या संवेदक सीधे तौर पर दोषी होंगे जो या तो इसकी प्राक्कलित राशि में से बचत की जुगत में हो सकते हैं या फिर उनकी इंजीनियरिंग की डिग्री की जांच कराने की आवश्यकता है.
      कल्पना कीजिए यदि ऐसे गुणवत्ताविहीन भवन लिंटल या छत की ढलाई के साथ न गिरकर निर्माण के बाद उस समय गिर जाते हों जब इनमें लोग मौजूद हों. लाशें बिछेंगी और तब जवाबदेही निर्धारित की जायेगी. अंग्रेजी में एक कहावत है, PREVENTION IS BETTER THAN CURE यानी पहले से ही सावधानी बरतना अच्छा होता है. यहाँ भी अच्छा होगा कि प्रशासन सही तरीके से इन घटनाओं की जांच कर दोषियों को दंडित करे ताकि मुरलीगंज की जनता भविष्य में किसी बड़े हादसे का शिकार न बन सके.
लाश बिछाने की तैयारी: 40 दिन में ढलाई गिरने की दूसरी घटना लाश बिछाने की तैयारी: 40 दिन में ढलाई गिरने की दूसरी घटना Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 30, 2013 Rating: 5

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