|आर.एन.यादव|29 मई 2013|
मधेपुरा में ग्राम विकास शिविर मजाक बन कर रह गया
है. शिविर के नाम पर अधिकारी करते हैं खानापूरी. ग्राम विकास शिविर में समस्या सुनाने
आई पीडित जनता परेशान है. शिविर में प्रखंड के सभी अधिकारी नही आते हैं. अगर दिखावे
के लिए कोई अधिकारी आते भी हैं तो वे भी काफी देर से. सरकार का निर्देश है कि प्रत्येक
पंचायत में ग्राम विकास शिविर लगाकर जनता की समस्या का त्वरित सामाधन करें. लेकिन
अधिकारियों ने इसे मजाक बनाकर छोड दिया है।
मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड के जीतापुर पंचायत
भवन जहां सरकार के निर्देशानुसार आज ग्राम विकास शिविर का आयोजन किया गया. ग्राम विकास
शिविर के कार्यक्रम यहां सुबह 10 बजे से शुरू होने थे. जनता तो अपनी समस्या को लेकर समय पर जरूर
पहुंच गयी पर अधिकारी का अता-पता नही था. काफी देर यानी 12 बजे सिर्फ अंचल अधिकारी रामोतार
यादव महोदय पहुंचे. जबकि शिविर में प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारियों को आमजनों की
समस्या सुनने को मौजूद रहना है.
शिविर से मुखिया तो गायब थी पर वहां
मौजूद मुखिया पति गोपाल यादव ने मीडिया पर ही रौब जमा डाला. शायद इसे ही कहा जाता है सुशासन और अनुमान लगाया जा सकता है
कि सुशासन में ग्राम शिविर का कितना महत्व दे रहे हैं अधिकारी.
मधेपुरा में ग्राम विकास शिविर बना मजाक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 29, 2013
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