पूर्णिया में एक शिक्षक गंभीर रूप से जली अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया एक शिक्षक रणजीत जिंदगी और मौत के जंग में हार
गया और कटिहार मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया. पीड़ित शिक्षक रंजीत कुमार ने मौत से पहले अपने विद्यालय के प्रधान संजय सिंह पर दलित और नाकामयाब कह कर प्रतारित करने
और आदमी भेजकर आग लगवाने का आरोप
लगाया है. रंजीत को जली हुई अवस्था में विद्यालय परिसर
के शौचालय के बाहर उस वक्त
देखा गया जब विद्यालय की कक्षाएं शुरू हो गयी थी. जख्मी अवस्था में रंजीत ने बताया था कि इस घटना को उसके ही विद्यालय के प्रधानाध्यापक
संजय सिंह ने अंजाम दिया है. रंजीत की पत्नी का कहना है की कुछ दिन पहले कक्षाओं के बंटवारे को लेकर
विद्यालय प्रधान और रंजीत में बहस हुई थी.
इस घटना को विद्यालय प्रधान संजय सिंह और रंजीत कुमार के बीच उन्नीस मई
को बैठक के दौरान हुए विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है. उस दिन विद्यालय की
बैठक में रंजीत ने ऊँची कक्षाओं में क्लास लेने की बात कही थी जिसका
विरोध करते हुए विद्यालय प्रधान संजय सिंह ने रंजित को डांटा था जिसपर संजय
सिंह ने माफ़ी भी मांगी थी.
यह आत्महत्या है या साजिश इसका खुलासा जांच के बाद ही होगा लेकिन यह
बात तय है की शिक्षक रंजीत विद्यालय के कार्यकलापों से परेशान था. चौंकाने वाली बात यह भी
है की जिस प्रधानाध्यापक पर घटना का आरोप है वह राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित
है.
प्रताड़ना से तंग आकर शिक्षक ने की आत्महत्या
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 28, 2013
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