300 वर्षों से भी अधिक पुराना है शाहपुर के दुर्गा स्थान में माँ की पूजा

संवाददाता/08/11/2012
जिले के ग्वालपाड़ा प्रखंड के शाहपुर में शान्ति एवं मनोकामनापूर्ण शक्तिपीठ के रूप में दुर्गा स्थान में माँ दुर्गा की पूजा सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक महत्त्व को भी दर्शाता है. यहाँ दुर्गा की पूजा 300 वर्षों से भी अधिक से चली आ रही है. कहते हैं कि शाहपुर में माँ दुर्गा के पास जो भी भक्त आते हैं उनकी मनोकामना अवश्य ही सिद्ध होती है.
            यहाँ पहली पूजा से ही माँ दुर्गा के श्लोक से गाँव एवं आसपास में भक्ति का माहौल बन जाता है. वर्तमान में दुर्गा स्थान में पूजा हेतु पुजारी बिहारी झा दसों दिन सिर्फ दूध पीकर ही रहते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. सहयोग हेतु मंदिर में एक और पंडित लीलानानद झा रहते हैं जो पूजा करवाते हैं माँ दुर्गा का पाठ भी करते हैं. यहाँ अष्टमी की पूजा का खास महत्त्व है जो विफल नहीं होती बल्कि भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. शाहपुर में अष्टमी एवं नवमी को बलि प्रथा भी वर्षों से चली आ रही है.
            माँ के दरबार में हर वर्ष मैया जागरण तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं जो दुर्गापूजा समिति के अध्यक्ष चंद्रमोहन सिंह द्वारा युवकों के सहयोग से किया जाता रहा है जिसको सम्पादित करने में दिल्ली में रहने वाले राजेश रवि का सहयोग सर्वोपरि रहता है. पूजा का कार्यक्रम अध्यक्ष अनन्त सिंह विगत 32 वर्षों से करते आ रहे हैं तथा इन्हीं की देखरेख में यहाँ भवन का विकास भी समुचित ढंग से हो रहा है.
            कुल मिलाकर शाहपुर गांव आपसी सौहार्द का प्रतीक है और धर्म को काफी महत्त्व देने वाले यहाँ के लोग विकास से पथ पर अग्रसर हैं.
300 वर्षों से भी अधिक पुराना है शाहपुर के दुर्गा स्थान में माँ की पूजा 300 वर्षों से भी अधिक पुराना है शाहपुर के दुर्गा स्थान में माँ की पूजा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 08, 2012 Rating: 5

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