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हत्यारा संजय |
संवाददाता/24 अगस्त
2012
हत्याएं तो आपने कई सुने होंगे, पर हत्या की ऐसी
कहानी आपने पहले शायद ही कभी सुना होगा.घटना वर्ष 2008 के एक मई की है.बिहारीगंज
थाना के गोरपार में मजदूरी करके निठल्ले पति और दो बच्चों को खिलाने वाली रिंकु
देवी के सारे सपने मजदूर दिवस के दिन की बिखर गए जब पति संजय राम ने मधेपुरा के
मंडल कारा में बंद अपने भाई मंजय राम से मिलने जाने हेतु पत्नी रिंकु से पैसे
मांगे.रिंकु का इतना कहना कि खुद तो कमाते नहीं हो और मेरे कमाई को नाजायज उड़ाते हो,
पर सनक मिजाज संजय राम में बगल से एक कुदाल उठाया और अपनी पांच वर्षीय बेटी वंदना
कुमारी को कुदाल से काट डाला.इस नृशंस हत्यारे का मन जब इतने से भी नहीं भरा तो
पत्नी की गोद में दूध पी रहे बच्चे को छीना और उसे भी कुदाल से काट डाला.प्रतिरोध
कर रही पत्नी पर भी कुदाल से कई वार किये.इस घटना में दोनों बच्चों की मौत हो गयी
और रिंकु की जान किसी तरह अस्पताल में बची.
इस कांड
संख्यां बिहारीगंज थाना 57/2008(सत्रवाद संख्यां.155/2008) की सबसे महत्वपूर्ण बात
तो ये रही कि एक बार तो इसमें सारे गवाह बयान से मुकर गए थे और हत्यारे का बच जाना
तय लग रहा था,पर तदर्थ न्यायालय के मौजूदा विद्वान न्यायाधीश योगेश नारायण सिंह ने
मामले की गंभीरता को समझ कर हत्यारे की पत्नी को बयान के लिए बुलाया जिसका बयान
पहले नहीं लिया गया था.और मामले ने यहीं से रंग लाना शुरू किया.पत्नी रिंकु ने हत्यारे
पति के काले कारनामे को न्यायालय में उजागर किया और विद्वान न्यायाधीश ने हत्यारे
संजय राम को उम्रकैद की सजा सुना दी.यही नहीं हत्या के आरोप में संजय राम को दस
हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया.पत्नी की हत्या के प्रयास में इस हत्यारे को दस
वर्ष की सजा और पांच हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया गया.और इस तरह इस नृशंस हत्या
को अंजाम देने वाला कुकर्मी अब फिर से सलाखों के पीछे है.
इस मामले
में अभियोजन पक्ष से अधिवक्ता लाल बहदुर सिंह थे.
दिल दहला देने वाली दोहरी हत्या में हत्यारे को उम्रकैद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 24, 2012
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ab bhai se milne me koi dikkt to ni aa rhi h?
ReplyDeleteab bhai se milne me koi dikkt to ni aa rhi h?
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