वि० सं०/14 जुलाई 2012
मधेपुरा में मजनूगिरी कुछ सालों से जोरों पर है.निर्लज्ज होते रहे कई युवा अब बर्दास्त करने की क्षमता खो बैठे हैं.सामने वाली को ठीक से जाना भी नहीं और शुरू हो गए.पर अब आये दिन मजनूओं की धुनाई भी सुनने को मिलती रहती है.परसों शाम में मधेपुरा होटल के पास ट्यूशन पढ़ कर आ रही लड़कियों से छेड़खानी करना युवकों को महंगा पड़ गया.लोगों ने मोटरसाइकिल से आये तीन में से एक युवक की जम कर धुनाई कर दी और थोड़ा सा बाल भी मूंड दिया.दो युवक मोटरसायकिल स्टार्ट कर भागने में सफल रहे.
मधेपुरा टाइम्स ने पूर्व में ही मधेपुरा के मजनूँ प्वाइंट्स 2 के रूप में इसी इलाके के बारे में पाठकों को बताया था,जहाँ ये पिटाई हुई है.
शहर और जिले में छेड़खानी के अधिकाँश मामले प्रकाश में नहीं आ पाते और थाने में दर्ज भी नहीं होते.बहुत सी लड़कियां अभी भी छेड़खानी ये सोचकर सह जाती हैं कि कहीं उन्हें अपने अभिभावकों की डांट न सुनने को मिल जाए.जिले और राज्य में अभी भी अकेली लड़की का चलना सुरक्षित नहीं हो पाया है.बहुत से जन्मजात मजनूँ किस्म के लड़के जैसे ही किसी लड़की से थोड़ी बात की, कि पटाने के चक्कर में लग जाते हैं.पिछले सप्ताह पटना से ट्रेन से लौट रही मधेपुरा एक लड़की को मौका पाकर मधेपुरा के भिरखी के एक लड़के ने पहले अपनी बातों से उसे इम्प्रेस करना और उसका मोबाइल नंबर जबरदस्ती माँगना शुरू किया और जब लड़की ने उससे बात करना नहीं चाहा तो अंत में उसने उस लड़की को पसंद करने की बात कही और अपना मोबाइल नंबर भी जबरन देना चाहा.आखिर उस सफेदपोश मजनूँ से किसी तरह पीछा छुडा कर लड़की घर पहुंची.
देखा जाय तो लड़कियों का सरल स्वभाव अक्सर उसे परेशानी में डाल देता है.ऐसे में लड़कियों को मजनूँ की तुरंत ही पहचान कर उससे कड़ाई से पीछा छुड़ाने का प्रयास करना चाहिए.और न चाहते हुए यदि कोई हद से आगे बढे तो फिर मामला पब्लिक के हवाले कर दीजिए और फिर देखिये..हो जाती है मजनूँ की धुनाई और बाल मुंडाई.
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मजनूगिरी में हुई धुनाई,सिर भी मुंडा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 14, 2012
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