ये है सुशासन की सड़क: कहाँ है विकास नीतीश बाबू !

 आरिफ आलम/14 जुलाई 2012
बिहार में सड़कों का विकास नीतीश बाबू के राज में हुआ है,ऐसा शहरों में मानने वाले लोग कहते हैं.पर मधेपुरा के चौसा प्रखंड के अधिकाँश लोगों का कहना है कि वे भी सुनते हैं,पर देखा नहीं.चिरौरी पंचायत के कई बुजुर्ग कहते हैं कि अखबारों में तो रहता है,पर हकीकत क्या है,भगवान जाने.
   कारण साफ़ है यहाँ लोगों ने आजतक सड़क देखा ही नहीं.कम से कम मोरसंडा और चिरौरी पंचायत के लोग इस मामले में सरकारी उपेक्षा के भारी शिकार हुए हैं.सड़क कच्ची है और बिल्कुल उबड़खाबड़. कई जगह तो सड़कों की ढाल इतनी ज्यादा है कि यदि मोटरसायकिल चालक ने एक्सीलेटर पर वाजिब नियंत्रण नहीं रखा तो वे उलट कर गिर सकते हैं.वैसे भी इन सड़कों पर दुर्घटनाएँ होती ही रहती हैं.
   सरकार के प्रतिनिधियों ने इलाके के लोगों को जम कर उल्लू बनाया है.इनका गुस्सा यहाँ के योजना एवं विकास मंत्री नरेंद्र नारायण यादव के प्रति भी है.ग्रामीण कहते हैं मंत्री जी बीस साल से विधायक हैं.पर यह इलाका अभी भी बिहार के सबसे पिछड़े इलाकों ने से एक है.एक युवक तो खीज कर कहता है कि बीस साल बहुत कम होते हैं,इन्हें विकास के लिए पचास साल और चाहिए,ताकि तब तक इनकी इहलीला ही समाप्त हो जाय.हाल में मोरसंडा और चिरौरी पंचायत के लोगों ने यहाँ की सड़कों के मामले पर पल्स पोलियो अभियान का ही बहिष्कार कर दिया था.इनका कहना था कि कम से कम धनेश्पुर से मोरसंडा जानेवाली मुख्य सड़क तो जल्द बननी चाहिए. बाद में थोड़ा आश्वासन मिला तो ये फिर माने.इनका दर्द इस बात का भी है कि चुनाव से पहले जब नेता आते हैं तो सड़कों के बनाने कि बात तो कह देते हैं,पर जीत कर जाते हैं तो उनके चेहरे का दिव्यदर्शन भी मुश्किल हो जाता है.पीड़ित ग्रामीण इस बार चुनाव में वोट बहिष्कार की भी बात करते हैं,पर शायद ये नहीं जानते कि ईश्वर ने अधिकाँश नेताओं को किस मिट्टी से बनाया है.फर्क पड़ जाए तो ये निश्चित ही खुशकिस्मत साबित होंगे.
ये है सुशासन की सड़क: कहाँ है विकास नीतीश बाबू ! ये है सुशासन की सड़क: कहाँ है विकास नीतीश बाबू ! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 14, 2012 Rating: 5

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