संवाददाता/१० अप्रैल २०१२
जिले में नए जिलाधिकारी उपेन्द्र कुमार ने कार्यभार
ग्रहण किया तो जाहिर है अब लोगों की उम्मीदें इन्हीं से बंध चुकी है.पूर्व
जिलाधिकारी मिन्हाज आलम के कार्यकाल को लोग संतोषजनक मानते हैं.एक बात तो तय है कि
मधेपुरा जिला अपनी भौगोलिक बनावट के कारण अक्सर चुनौतीपूर्ण जिला माना जाता रहा
है.पर नए जिलाधिकारी अपने लंबे अनुभव से यहाँ की चुनौती को स्वीकार करने के प्रति
आश्वस्त दिखते हैं.और इसका सबसे बड़ा कारण वे बताते हैं उनका नीचे से काम करते
प्रोमोशन पाकर यहाँ आये हैं.कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अधिकारियों,
कर्मचारियों और मीडिया के समक्ष अपनी कुछ बातें रखीं.उनका मानना है कि उन्होंने
चीजों को नजदीक से देखा है, तैंतीस वर्षों से पन्द्रहों जिलों को देखा है.सबसे
पहले हमें ये देखना होगा कि हम कहाँ हैं.सरकार की योजना को जनसहभागिता के साथ
मूर्त रूप में लाने के लिए सार्थक प्रयास करने हैं.अब पहले वाली भूमिका कलक्टर और
एसपी की नही रही.वी आर सौल्यूशन प्रोवाइडर.जहाँ गतिरोध है उसका निदान ढूँढने में
ही कलक्टर और एसपी के नेतृत्व की आवश्यकता है.निदान ढूँढना है ग्रासरूट लेवल से
फीडबैक लेकर ताकि उसमें एक्यूरेसी और ट्रांसपेरेंसी हो.सरकार की ग्रेडिंग में जिले
को सर्वोत्तम स्थान मिले इसके लिए हम काम करेंगे.जिलाधिकारी ने विश्वास व्यक्त
किया कि हम अवश्य ही अच्छा काम करेंगे.
नए जिलाधिकारी के अनुभव और आत्मविश्वास से
विकास के प्रति जिले के लोगों की आशा बंधी है.पूर्व जिलाधिकारी मिन्हाज आलम की
विदाई पर उन्होंने सुमित्रानंदन पन्त की एक कविता की इन पंक्तियों को उद्धरित करते
हुए कहा-
‘यह सांझ-ऊषा का आंगन, आलिंगन विरह-मिलन का, चिर हास-अश्रुमय
आनन, अरे इस मानव जीवन का।’
नए जिलाधिकारी ने सबसे पहले क्या कहा,सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें.
नए जिलाधिकारी ने सबसे पहले क्या कहा,सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें.
वी आर सौल्यूशन प्रोवाइडर :डीएम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 10, 2012
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