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मंतोष नई दुल्हन के साथ |
सुपौल से पंकज भारतीय/१४ मार्च २०१२
११ मार्च की रात नेपाल के जह्दा गाँव से बारात सुपौल जिला के भीमपुर थाना क्षेत्र के जीवछपुर गाँव में फागो मुखिया के घर पहुंची.बारात का जमकर स्वागत हुआ.फागो मुखिया ने अपने समधी को गले लगाया तो महिलाओं ने दुल्हा मंतोष की आरती उतारी.सहेली एवं भाभियों ने वर को देखने के बाद वधू रीता के साथ हंसी-ठिठोली भी की.हिन्दू धर्म के अनुसार वरमाला हुआ और सात फेरे भी लिए गए.अब सिंदूरदान की बारी थी कि सिनेमाई अंदाज में पूरी पटकथा ही बदल गयी.
एन मौके पर पंचायत के मुखिया सुनीता देवी के पति रमेश कुमार मुखिया की खलनायक के रूप में एंट्री हुई और इसके बाद पूरा माजरा ही बदल गया.मुखियापति रमेश पंचायत समिति का सदस्य भी है और काफी दबंग प्रवृत्ति का है.मुखिया अपने गुंडों के साथ था और उसके साथ उसका साला संजीत भी मौजूद था,जो खगड़िया का रहने वाला है.
मुखियापति ने नेपाल से आये बारातियों को खदेड़ दिया.दुल्हा की पिटाई की और दुल्हा की जगह अपने शादीशुदा साले संजीत से रीता की मांग में सिन्दूर भरवा दिया.इस मौके पर न कोई
मंत्रोच्चारण हुआ और न ही कोई विधि-विधान.आस-पड़ोस के लोग कुछ समझ पाते,इससे पहले ही मुखियापति ने रावण की तरह रीता का हरण कर लिया.चूंकि मुखियापति काफी दबंग और अपराधी प्रवृत्ति का है,इसलिए गाँव में उसके खिलाफ कोई आवाज उठाने की हिम्मत नहीं रखता है.पुलिस इस घटना से जानबूझकर अनजान बनी रही क्योंकि पुलिस को किसी शिकायतकर्ता की खोज थी.ऐसे में न ही कोई शिकायतकर्ता मिला और न ही कोई एफआईआर दर्ज हुआ.जाहिर है,इस अपहरण विवाह के बाद मध्ययुगीन संस्कृति की एक बार फिर याद ताजा हो गयी है.
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रीता,जिसका हुआ हरण |
मजेदार बात यह है कि दबंगों की इस शादी में कई मोड़ दिखाई देते हैं.इस अनूठी शादी का पटाक्षेप भी बड़ा दिलचस्प हुआ.होनेवाली बीबी के कूचे से बड़े बेआबरू होकर निकलने के बाद नेपाली दुल्हा मंतोष ने हार नहीं मानी.अगले दिन १२ मार्च को मंतोष ने उसी गाँव में बबीता नाम की एक कमसिन लड़की से शादी रचाई और खाली हाथ नहीं बल्कि दुल्हन के साथ वापस नेपाल लौट गया.
मुखियापति ने दिखाई दबंगई,मंडप से किया वधू का हरण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 14, 2012
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