“जब भी कोई लड़की देखूं,
मेरा दिल दीवाना बोले,
ओले..ओले..ओले..”
....
लड़कियों की झुण्ड कहीं से ट्यूशन पढ़कर चली जा रही थी और तीन-चार लड़के पीछे-पीछे. दूर से देखते एक ने कहा ये जींस वाली बड़ी खूबसूरत लग रही है.दूसरे ने कहा तेज चल न, नजदीक से देखते हैं..काश..कोई लड़की मुझे प्यार करती...गुनगुनाते हुए सबके कदम तेज हो गए.पर पास जाते ही एक ने कहा अरे वापस चलो.क्यों के जवाब में वह बोला अरे मेरी बहन भी इसमें है.वापस लौटते बुझे चेहरे के साथ उसी में से एक ने दूसरे के कान में कहा इसकी बहन भी तो ठीक ही है.
मधेपुरा में इन दिनों मजनूगिरी चरम पर हैं.सटीक आंकड़े तो नहीं हैं,पर मोबाइल-युग में वाई-जेनेरेशन के लड़कों ने तो हद ही कर दी है.जवानी चढ़ते ही लड़की पटाना पहला अम्बीशन हो जाता है.बर्दाश्त की हद तो तब पार कर जाती है जब इनमें से कुछ अत्यधिक खुलापन के समर्थक ‘गोलट’ किस्म में विश्वास करने लगते हैं.एक-दूसरे की बहन को पटाने के प्रयास भी आज मधेपुरा में नए फैशन के रूप में उभर रहा है.पर बहुत से मामलों में लड़कियां भी समान रूप से दोषी हैं.फूहड़ किस्म की कुछ लड़कियों ने मनचलों के हौसले बुलंद कर दिए है.आधुनिकता के प्रभाव में
फंसी ऐसी लड़कियां घर से फैशन कर लड़कों की चाह में ही निकला करती हैं.कहते हैं जवानी दीवानी होती है.अपने किसी मित्र को किसी लड़की से मोबाइल पर प्यार भरी बातें करते देखकर बाक़ी का भी मन भटक जाता है और फिर ‘कोई न कोई चाहिए,प्यार करने वाला’ की तर्ज पर ये निकल पड़ते हैं प्यार की खोज में ‘मजनूँ प्वाइंट्स’ की ओर...शायद यहीं बात बन जाए और मित्रों पर ये दिखाकर रौब जम सके कि देखा? मेरे पास भी है न?

मजनूँ प्वाइंट(परिभाषा): मजनू प्वाइंट किसी खास निश्चित जगह को कहते हैं,जहाँ से निश्चित समय पर कोई निश्चित लड़की गुजरती है.ये कोचिंग,स्कूल या सड़क के किनारे की कोई जगह हो सकती है.ये ऐसी जगह होती है जहाँ मजनूँनुमा लड़के किसी दूसरे बहाने से खड़े होकर लड़कियों से पेंगें बढ़ाने हेतु नाना प्रकार के हाव-भाव प्रकट करते हैं.
हालांकि कुछ लड़कों में बहुत सी लड़कियों को देखने की टेंडेंसी विद्यमान होती है.पर इस क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि ‘दुविधा में सारे गए,माया मिली न राम’ जैसी कहावत का अनुसरण करते हुए ये मजनू किसी एक-दो पर ही अपनी किस्मत आजमाईश करते हैं.ये मजनू प्वाइंट पर पहुँच कर अपने स्टाइल और कुछ बोलकर लड़कियों को आकर्षित करने की जी-तोड़ मेहनत करते हैं.कभी-कभी कुछ की किस्मत साथ दे देती है और फिर....ए क्या बोलती तू?घूमेंगे,फिरेंगे, ऐश करेंगे और क्या?
पर पढ़ाई की ओर केंद्रित लड़कियां मनचलों की हरकतों से परेशान हो जाती हैं.और फिर उनका हथियार बन जाता है, ‘सेंडिल’.पर कुछ मनचले काफी जिद्दी किस्म के होते हैं.लड़कियों की सेंडिल से भी जब इनका मन नहीं भरता है तो ये पब्लिक की धुनाई से ठीक हो जाते हैं.(सुनिए,पिछले दिनों मनचलों की पिटाई कर उसकी सायकिल छीन लेने वाली नीतू क्या कहती है?)
अगले अंक से हम मधेपुरा के कुछ मजनूँ प्वाइंट्स की चर्चा विस्तार से करेंगे,जहाँ ये लफंगे-परिंदे नियत समय पर पहुँच जाते हैं और अपनी ड्यूटी का निर्वाह कुछ यूं गुनगुनाते करते हैं:
अगर तुम मिल जाओ, जमाना छोड़ देंगे हम.
तुम्हे पाकर जमाने भर से रिश्ता तोड़ देंगे हम. (क्रमश:)
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
मधेपुरा के कुछ मजनूँ प्वाइंट्स (भाग-१)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 23, 2011
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Mai Babusahab Madhepura distict k rahane wala hu bas apane village k bare mai bata raha hu ki government kis tarah ham logo k village se ber karate hai
ReplyDeleteham logo k yaha nahi koi electric nahi koi road jabki ham logo ki abady 5000 hai but kuch nahi bas jab vote magana ho tab aa jate hai bas usake bad kon dekhata hai
agagr isbar aisa raha to ham log kisis ko vote nahi dege
At-Jaluwar
Po-manpur
PS-gamahariya
Dist-madhepura
Bhar
Cont 9911446904