![]() |
| टूटी सायकिल,लटका बैग |
विशेष संवाददाता /२३ दिसंबर २०११
ठंढ के कारण जिले में जहाँ अधिकाँश स्कूल बंद हैं वहीं कुछ दिमाग से पैदल कौन्वेंट्स वाले प्रतिस्पर्धा दिखाने के लिहाज से स्कूल खुला रखे हैं.स्थिति यह बन गयी है कि ठंढ से ठिठुरते बच्चे जान जोखिम में डाल कर इनकी दिखावे की पढ़ाई के जाल में फंसे हुए हैं.लड़कियां इस ठंढ में भी सुबह के कुहासे में सायकिल चलाने को मजबूर हैं और आये दिन दुर्घटना का भी शिकार बन रही हैं.
आज सुबह ही जिला मुख्यालय के कर्पूरी चौक पर ठिठुरते ठंढ में सायकिल चला रही एक लड़की एक ट्रैक्टर से टकरा गयी.लड़की की जान तो बच गयी पर सायकिल ट्रैक्टर की चपेट में आ गयी.टूटी सायकिल और जान बच जाने से लड़की रोने लगी.पास के ही एक कॉन्वेंट जा रही लड़की की तस्वीर जब मधेपुरा टाइम्स के कैमरे ने लेनी चाही तो कॉन्वेंट वाले पहुँच कर मन करने लगे.लड़की भी अभिभावक को पता चलने के डर से फोटो न लेने के लिए गिडगिडाने लगी.
यहाँ सवाल ये उठता है कि पैसे कमाने और कमा चुके पैसे के घमंड में अधिकांश प्राइवेट स्कूलों ने अपने को सरकार से ऊपर मानना शुरू कर दिया है.ये अपने को क़ानून मानने वाले नहीं,बल्कि क़ानून के निर्माता समझने लगे हैं.आवश्यकता है जिला प्रशासन इनके साथ सख्ती से पेश आये ताकि पढ़ाई के साथ-साथ इनकी जान भी सुरक्षित रह सके.
कौन्वेंट्स वाले बच्चों की जान लेकर छोड़ेंगे?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 23, 2011
Rating:
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 23, 2011
Rating:

No comments: