मधेपुरा के मजनूँ प्वाइंट्स(भाग-२):पलकेश्वर नाथ शिव मंदिर

चल सन्यासी मंदिर में,
तेरा चिमटा मेरी चूडियाँ
दोनों साथ बजायेंगे,
साथ-साथ खनकाएंगे.
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पलकेश्वर नाथ शिव मंदिर, गुदरी बाजार,मुख्य मार्ग, मधेपुरा.मधेपुरा के कुछ लोकप्रिय मजनूँ प्वाइंट्स में इसका नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है.हालांकि इसके चबूतरे पर, जो सड़क के रूख में है, बहुत से लोग समय बिताने या बातचीत करने भी बैठते हैं,पर मधेपुरा के मजनूँओं की इस मंदिर के चबूतरे के प्रति खास भक्ति है.मजनूओं के लिए ये सर्वाधिक स्कोप का प्वाइंट माना जाता है.लड़कियां इस प्वाइंट के पास चार तरफ से आ सकती हैं.पुरानी कचहरी की ओर जाएँ या स्टेशन की तरफ या फिर पोस्ट ऑफिस रोड में घुसे या उससे निकले. यहाँ लगातार बैठने से इस बात का आइडिया आ जाता है कि कौन सी लड़की कितने बजे ट्यूशन पढ़ने यहाँ से गुजरती है.तुमको देखा तो ये जाना सनम,प्यार होता है दीवाना सनम गुनगुनाते हुए हसरत भरी निगाहों से ये लड़कियों को देखते हैं.लड़कियां अगर सर झुकाते जा रही हैं तो इनका दिल डूबने लगता है.एक नजर तेरी मेरे मसीहा,काफी है उम्र भर के लिए की चाह में ये या तो अपने साथ के मजनूँ मित्र से जोर से कुछ स्टाइल में बोलते हैं या फिर खुद ही मोबाइल पर जोर से बात करने लगते हैं ताकि लड़की का ध्यान इधर पड़े और आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आये तो बात बन जाए.और यदि बात बन जाती है तो मंदिर में पूजा के बहाने इसके पिछले हिस्से में भी बात बढते रहने के समाचार हैं.यहाँ से ये लड़कियों का पीछा कर ये पता कर लेते हैं कि मेरी वाली किस सर के यहाँ या किस कोचिंग जाती है या फिर इसका घर कहाँ है?. और फिर जहाँ चाह, वहां राह वाली बात का अनुसरण कर ये यहाँ से कोचिंग या घर तक भी पीछा करते हैं.

    पर यदि बात न बने तो?कोई बात नहीं,मधेपुरा के मजनूँ इस कहावत को हमेशा याद रखकर ही मजनूगिरी करते है कि जब ओखल में सर दिया तो मूसल का क्या डर? करीब एक महीना पहले जब एक एलआईसी अधिकारी की बेटी निक्की (बदला नाम) सुबह के समय में इसी जगह पर एक मजनूँ की रोज की छींटाकशी से तंग आ गयी तो एक दिन उसने अपनी सायकिल खड़ी की और सीधे जा पहुँची उस मजनू के करीब.मजनू खुश होकर शायद कुछ बोलना चाह रहा था पर तब तक निक्की ने अपनी सेंडिल उतार कर उसके चेहरे पर एक सेंडिल जड़ दिया.मजनूगिरी की दुनियां में उस लड़के ने शायद कदम ही रखा था.औकात पर आते हुए बोला, मैं तो फोन पर बात कर रहा था, दीदी.
    करीब एक सप्ताह पूर्व एक दूसरी घटना में एक प्रोफ़ेसर की बेटी प्रिया(बदला नाम) जब एक मजनू से परेशान हो गयी तो उसने ये बात अपनी माँ को कहा.माँ प्रिया के साथ वहां पहुंची और प्रिया ने जैसे ही उस मजनू को माँ को दिखाया, माँ ने उसे दो-चार थप्पड़ जड़ा तो मजनू हम कहाँ-हम कहाँ कहते हुए वहां से भाग खड़ा हुआ.
     मधेपुरा थाना के पूर्व थानाध्यक्ष राम सहाय राय ने तो यहाँ कई बार मजनूओं की धुनाई की थी.पुलिस जीप को देखकर अभी भी कई सतर्क मजनू या तो पोस्ट ऑफिस रोड में घुस जाते हैं या फिर टहलने लगते हैं.पर मंदिर होने के कारण भक्ति के बहाने भी आँख सेंकने का काम यहाँ चलता ही रहता है.(क्रमश:)
  [सूचना: इस रिपोर्ट के साथ की तस्वीरें सिर्फ जगह निर्देशित करने के उद्येश्य से दी गयी है.तस्वीर में दिखाए जा रहे किसी व्यक्ति का इस रिपोर्ट से कोई लेना-देना नहीं है.]
मधेपुरा के मजनूँ प्वाइंट्स(भाग-२):पलकेश्वर नाथ शिव मंदिर मधेपुरा के मजनूँ प्वाइंट्स(भाग-२):पलकेश्वर नाथ शिव मंदिर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 24, 2011 Rating: 5

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