तीन दिनों तक लगातार अँधेरे में रहने के बाद तीन ही दिनों के बाद मधेपुरा पुन: बिजली संकट से जूझ रहा है.कोसी क्षेत्र में इससे बुरी हालत कहीं और की नहीं है. मधेपुरा की जनता इससे त्रस्त भी है और सदमे में भी.देखा जाय तो नेताओं के मामले में मधेपुरा काफी समृद्ध रहा है और वर्तमान में भी है.पर जनता को इस आधारभूत संकट से निजात दिलाने के ईमानदार प्रयास यहाँ के नेता बिलकुल नहीं कर रहे हैं.राष्ट्रीय नेता सह सांसद सह जदयू अध्यक्ष दिल्ली में वातानुकूलित कमरे में आराम फरमा रहें हैं तो मधेपुरा के माननीय विधायक जी,जिन पर लोगों को बड़ा नाज था,पटना में आराम की जिंदगी बसर कर रहे हैं.राज्य सरकार में जिले के ही विधानसभा क्षेत्र से चुनकर गए विधि और आपदा विभाग के मंत्री गण भी आराम से बड़े शहर की सुख सुविधा का उपभोग किये जा रहे हैं.क्या फर्क पड़ता है इन्हें? वहां बिजली गुल होती है तो जनरेटर की हवा खाने में भी ये पीछे नही रहते हैं.और इधर जिले का विकास बिजली के बिना गर्त में जा रहा है.यहाँ के लोगों पर ये बात शायद लागू होती है कि.... तुम्हे जिंदगी के उजाले मुबारक...अँधेरे हमें आज रास आ गए हैं. नेता शायद होते ही हैं जनता को चूल्हे में डालकर खुद की रोटी सेंकने के लिए.धिक्कार है मधेपुरा के ऐसे नेताओं को....
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
धिक्कार है ऐसे नेताओं को .....
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 19, 2011
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हर तरफ भ्रष्टाचार........ही.......... भ्रष्टाचार.................. Kehne ko to netao ne dhyan diya...,............... par ye kaisa dhyan.........
ReplyDeleteहर तरफ भ्रष्टाचार........ही.......... भ्रष्टाचार.................. Kehne ko to netao ne dhyan diya...,............... par ye kaisa dhyan.........
ReplyDeleteBetween leaders of the people you have the right mirror. Thanks for
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