स्व० राजकिशोर केशरी(सभी फोटो:बबलू मिश्रा,पूर्णियां) |
चिता को अग्नि देते पुत्र |
विधायक राजकिशोर केशरी की चिता की आग अब ठंढी होने को चली है.रूपम पाठक और नवलेश पाठक अब सलाखों के पीछे हैं.स्व० विधायक की विधवा और बच्चे भावशून्य हर आने जाने वाले से अपना गुनाह पूछ रहे हैं.वहीं रूपम की माँ बेटी को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर गुहार लगा रही है.जबकि नवलेश की पत्नी रमा पाठक भी अपने पति के लिए न्याय मांग रही है.खामोश और स्तब्ध पूर्णियां की जनता भी न्याय होते हुए देखना चाहती है ताकि सच,साजिस और शोषण का खुलासा हो सके.
दस वर्षों तक बतौर पत्रकार मैंने भी पूर्णियां में अपना समय बिताया है और गत वर्ष से बाहर हूँ.व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर कहा जा सकता है कि राजकिशोर मिलनसार और जिंदादिल इंसान थे.जब रूपम ने इस तरह के आरोप लगाये तो पूर्णियां पुलिस ने इसे गंभीरता से नही लिया.अगर उस समय पुर्णिया पुलिस ने ठोस कदम उठाये होते
तो आज राजकिशोर जिन्दा होते और रूपम तथा नवलेश सलाखों के पीछे नही होते.दरअसल सत्ता की दलाली करना पुलिस के रग-रग में लहू बनकर समाया हुआ है.आज राजकिशोर केशरी नहीं हैं तो उनकी आवाज कौन बनेगा.? सवाल ये है कि रूपम को इस तरह के जेहादी तेवर क्यों अपनाने पड़े?
स्व० राजकिशोर केशरी की पत्नी |
इसमें कोई शक नही कि इस घटना का सबसे बड़ा सूत्रधार विपिन राय है.सत्ता की दलाली कर कैसे करोड़ों की संपत्ति अर्जित की जा सकती है,इसका जीता जगता उदाहरण विपिन राय है.क्यों राजकिशोर केशरी विपिन राय के संरक्षक बने रहे?किस प्रकार रूपम पाठक के स्कूल तक जानेवाली सड़क आनन-फानन विधायक के सौजन्य से तैयार हो गयी?
हत्या के बाद पहुंचे उप-मुख्यमंत्री |
पूर्णियां पुलिस की भूमिका हमेशा से संदिग्ध रही है.रूपम 164 के बयान से मुकर गयी और फिर प्रोटेस्ट पीटीशन दी कि उसने दबाव में बयान दिया था.दबाव की गुंजायश बनती है क्योंकि आरोपी सत्ता से जुड़े हुए लोग थे.आम लोगों में यह भी चर्चा है कि रूपम ने 164 का बयान दबाव में तो बदला था लेकिन इसके पीछे समझौता भी था.समझौता पूरी करने की बात चुनाव के बाद की थी जो पूरा नही हो सका जिस वजह से आपसी तनाव काफी बढ़ गया था.पूर्णियां पुलिस की विकलांगता विधायक हत्याकांड के बाद भी उजागर हुई.रूपम हत्यारिन थी,उसको सजा देने का अधिकार न्यायालय को है,विधायक
के बॉडीगार्ड या उनके सिपहसालारों को नही.अब अपनी विकलांगता छुपाने हेतु 1000 अज्ञात लोगों पर मुकद्दमे कर पूर्णियां पुलिस अपनी पीठ खुद थपथपा रही है.पूर्णियां के आला पुलिस अधिकारी पर भी तरस आती है.जांच जब शुरू हुई तो कहा कि अभी केवल ह्त्या की जांच होगी,रूपम के यौन-शोषण में जुड़े मामले की नही.जबकि चौक-चौराहे पर यह भी चर्चा आम है कि यौन-शोषण भी हत्या का एक कारण हो सकता है.चर्चा तो यह भी है कि राजनैतिक महात्वाकांक्षा पाले हुए कुछ राजनैतिक हस्तियों ने भी रूपम को हत्या करने के लिए मानसिक रूप से प्रेरित किया.विपिन राय को पूछताछ के दायरे में नही लाना भी पूर्णियां पुलिस की मंशा पर बड़ा सवाल है.
के बॉडीगार्ड या उनके सिपहसालारों को नही.अब अपनी विकलांगता छुपाने हेतु 1000 अज्ञात लोगों पर मुकद्दमे कर पूर्णियां पुलिस अपनी पीठ खुद थपथपा रही है.पूर्णियां के आला पुलिस अधिकारी पर भी तरस आती है.जांच जब शुरू हुई तो कहा कि अभी केवल ह्त्या की जांच होगी,रूपम के यौन-शोषण में जुड़े मामले की नही.जबकि चौक-चौराहे पर यह भी चर्चा आम है कि यौन-शोषण भी हत्या का एक कारण हो सकता है.चर्चा तो यह भी है कि राजनैतिक महात्वाकांक्षा पाले हुए कुछ राजनैतिक हस्तियों ने भी रूपम को हत्या करने के लिए मानसिक रूप से प्रेरित किया.विपिन राय को पूछताछ के दायरे में नही लाना भी पूर्णियां पुलिस की मंशा पर बड़ा सवाल है.
सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तो हद ही कर दी.मुझे याद है कि जब विधायक पर यौन-शोषण के आरोप लगे थे तो सबसे पहला बयान मोदी का ही था जिसने इसे राजनैतिक साजिश करार दिया.हत्या के तुरंत बाद विधायक को 'चरित्रवान' और रूपम को 'बदचलन' करार देने वाले सुशील मोदी को न तो अपने पद का ख्याल रहा और न ही भारतीय संस्कृति का.उनकी बात में यदि दम भी है तो उन्ही पता होना चाहिए वे न्यायाधीश नही,राजनैतिक हस्ती हैं.भला हो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिसने चुपचाप सीबीआई जांच की अनुशंसा कर मोदी की राह पर चलने की गलती नही की.
नवलेश,जो स्थानीय अंग्रेजी साप्ताहिक 'क्विसलिंग' के संपादक थे,ने ही इस मामले को सबसे पहले उजागर किया था और इसका ''फोलोअप' भी लिखा था.यदि नवलेश ने पत्रकारिता धर्म का उल्लंघन कर साजिस में हमराज बन्ने का काम किया है तो उसे भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए.लेकिन यदि यह सच की सजा है तो तय मानिए,यह सुशासन नही कुशासन है.
सीबीआई की जांच से संभव है कि सच सामने आ सके.पूर्णियां की जनता भी चाहती है कि शहर के माथे पर जो दुष्कर्म और ह्त्या का कलंक लगा है वो धुल जाए.अंतत: इस पूरे प्रकरण से जुड़ी उम्मीदें और जनभावना को कुछ इस तरह व्यक्त किया जा सकता है--
*स्व० राजकिशोर केशरी(आप हमेशा याद आयेंगे)--
किस्मत बनाने वाले तुमने कोई कमी नही की,
कब किसको क्या मिला,यह मुकद्दर की बात है.
*रूपम पाठक(नारी तेरे रूप अनेक)--
मैं सच कहूंगी,मगर फिर भी हार जाउंगी,
रूपम पाठक |
वो झूठ बोलेगा और लाजबाव कर देगा.
*विपिन राय(सत्ताधारियों के दत्तक-पुत्र)--
अपने चेहरे को बदलना तो बहुत मुश्किल है,
जी बदल जाएगा,आईना बदल कर देखो.
*पूर्णियां पुलिस(लीपा-पोती इनसे सीखिए)--
हमको उनसे थी वफ़ा की उम्मीद,
जो नही जानते वफ़ा क्या है.
*पूर्णियां न्यायपालिका(तारीख पर तारीख)--
शीशे की अदालत में पत्थर की गवाही है,
हाफिज ही मुहाफिज है,हाफिज ही सिपाही है.
गिरफ्तार किये गए नवलेश |
*सुशील कुमार मोदी(उप-मुख्यमंत्री या न्यायाधीश)--
नजर में रोशनी आये कहाँ से,
चिरागे दिल ही जब रौशन नही है.
*नवलेश पाठक(नायक या खलनायक)--
गूंगे निकल पड़े हैं,जुबान की तलाश में,
सरकार के खिलाफ ये साजिस तो देखिये.
*सीबीआई(सच उजागर करने वाली मशीन)
मुद्दत के इन्तजार ने
बेजार किया इतना
कि,क़यामत आई तो पूछा
ये कोई वक्त है आने का.
*पूर्णियां की जनता(स्तब्ध और विवश)--
मैं बेपनाह अँधेरे को सुबह कैसे कहूँ
मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नही.
*गुस्ताखी माफ---
इस सिरे से उस सिरे तक सब शरीके-जुर्म हैं
आदमी या तो जमानत पर रिहा है,या फरार है.
(मधेपुरा टाइम्स समाचार प्रभाग के लिए पूर्णियां से लौटकर पंकज कुमार भारतीय)
पुर्णिया विधायक हत्याकांड..हर किसी को चाहिए न्याय
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 13, 2011
Rating:
New Delhi, the 6th January ,2011.
ReplyDeleteNationalist Congress Party National Media Convenor Prof Suraj Yadav has appealed to the Chairperson, National Women's Commission to Inquire into the case of murder of BJP MLA of Purnea Rajkishore Keshari by Rupam Pathak on 4th January,2011. The act of murder should be condemned no doubt, however, the conduct of Purnea Police is also not above board. On the direct intervention of BJP Home Minister of Sushasan Government Sushil Modi, the Police has illegally arrested the Editor of the local daily which had first broken the news of sexual exploitation of Rupam by the deceased BJP MLA. The Police has not admitted about this arrest and the wife of the Editor has expressed threat to his life.
Prof Suraj Yadav has said that the National Women's Commission should take up the matter and conduct an Inquiry, so that justice is done in this sensational murder case.
SURAJ YADAV.
Assistant Professor,DU.
National Convenor, Media Department,Nationalist Congress Party.
M-09868490170.