राकेश सिंह/३१ दिसंबर २०१०
98वें विज्ञान कांग्रेस में कोशी अंचल में जल प्रबंधन एवं वैकल्पिक उर्जा पर पूरे भारत के विज्ञान शिक्षक,वैज्ञानिक व रिसर्च स्कॉलर का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया जाएगा.ये बातें चेन्नई में आयोजित चार दिवसीय ९८ वीं अखिल भारतीय विज्ञान कॉंग्रेस में भाग लेने जा रहे मंडल वि०वि० भौतिकी विभाग के रिसर्च स्कॉलर विवेक राजदान ने कही.श्री राजदान ने कहा कि कोशी अंचल जल व ऊर्जा के मामले में काफी समृद्ध व धनी है.अगर इसका सही ढंग से दोहन व प्रबंधन
किया जाय तो कोशी की नदियाँ लोगों के लिए अभिशाप नही वरदान साबित होगा.वैकल्पिक ऊर्जा पर शोध कर रहे श्री राजदान ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया समेत भारत में वैकल्पिक उर्जा महत्वपूर्ण होता जा रहा है.गाँव में लगाया जा रहा सोलर स्ट्रीट लाईट को राज्य सरकार चाहे तो और भी कारगर बना सकता है.श्री राजदान ने एक महत्वपूर्ण बात बताई कि सोलर प्लेट में पतले क्रिस्टल सिलिकन फोटो वोल्टाइक सेल पर अभी काफी काम होने की जरूरत है.अभी भी पूरी दुनिया में इस पद्धति पर मात्र २५ फीसदी ही काम हुआ है.अगर इस पद्धति पर पूरी दुनिया में अनुसंधान प्रक्रिया को तेज किया जाय तो दुनिया से अन्धकार को मिटाया जा सकता है.मालूम हो कि विवेक राजदानके इसी विषय पर पोस्टल प्रजेंटेशन को विज्ञानं कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है.
किया जाय तो कोशी की नदियाँ लोगों के लिए अभिशाप नही वरदान साबित होगा.वैकल्पिक ऊर्जा पर शोध कर रहे श्री राजदान ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया समेत भारत में वैकल्पिक उर्जा महत्वपूर्ण होता जा रहा है.गाँव में लगाया जा रहा सोलर स्ट्रीट लाईट को राज्य सरकार चाहे तो और भी कारगर बना सकता है.श्री राजदान ने एक महत्वपूर्ण बात बताई कि सोलर प्लेट में पतले क्रिस्टल सिलिकन फोटो वोल्टाइक सेल पर अभी काफी काम होने की जरूरत है.अभी भी पूरी दुनिया में इस पद्धति पर मात्र २५ फीसदी ही काम हुआ है.अगर इस पद्धति पर पूरी दुनिया में अनुसंधान प्रक्रिया को तेज किया जाय तो दुनिया से अन्धकार को मिटाया जा सकता है.मालूम हो कि विवेक राजदानके इसी विषय पर पोस्टल प्रजेंटेशन को विज्ञानं कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है.
98वें विज्ञान कांग्रेस में भाग लेने चला मंडल वि०वि०का रिसर्च स्कॉलर विवेक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 31, 2010
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