मधेपुरा में इंटर परीक्षा 2014: ‘कंसों’ का वध करने में सफल हुए ‘गोपाल’

|वि० सं०|28 फरवरी 2014|
मधेपुरा में इंटरमीडिएट की परीक्षा समाप्त हो गई. कदाचारमुक्त परीक्षा का सपना देखना मधेपुरा के विकास चाहनेवालों के लिए इसबार सच साबित हुआ. कदाचार न कर पाने का अफ़सोस जितना परीक्षार्थियों को नहीं है उससे कहीं अधिक शिक्षा माफियाओं के घर में सन्नाटा पसरा हुआ है. करोड़ों का खेल ताश के पत्तों से बने घर की तरह भरभरा कर गिर गया. बदनाम मधेपुरा की इज्जत वापस लाने में जिलाधिकारी गोपाल मीणा पूरी तरह सफल रहे और जिन लोगों ने मधेपुरा में कभी कदाचार न रूकने का दावा ठोंक रखा था, उनकी समझ में अबतक ये नहीं आ रहा है कि कैसे ऊँचे पद पर बैठा एक व्यक्ति भी यदि ईमानदार हो जाए और यदि उसके इरादे पक्के हों, तो जिले, राज्य या देश की तस्वीर बदल सकती है.
      शिक्षा माफियाओं के इस गंदे खेल में कई बहुत ऊंचाई पर बैठे लोग भी शामिल थे. एक नजर से देखा जाय तो सूबे की सरकार भी अपनी नीतियों की वजह से कदाचारियों के मनोबल को बढ़ाती रही थी. अंक के आधार पर नौकरी देने की वजह से कमजोर छात्र भी अधिक से अधिक अंक पाने की जुगत में लगे रहते थे. और ऐसे में इन्हें शिक्षा माफियाओं में भगवान नजर आने लगता था. मधेपुरा जिले में कई ऐसे तथाकथित शिक्षाविद हैं जिसकी संपत्ति इस काली कमाई से लाखों-करोड़ों में चली गई.
      मधेपुरा के कई अभिभावकों को शिक्षा के क्षेत्र में मधेपुरा की ऐसी बदहाली देखकर रोना आता था. सबसे ज्यादा शर्मनाक स्थिति यहाँ के छात्रों की तब होती थी जब वे प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने बाहर जाते थे. अन्य राज्य के छात्र इन्हें निम्न दृष्टि से देखते थे.
      मधेपुरा टाइम्स ने परीक्षा के दौरान ही इस मुद्दे पर कि क्या मधेपुरा में परीक्षाओं में कदाचार बंद होने चाहिए, पर एक ऑनलाइन सर्वे कराया था. सर्वे के परिणाम बेहद चौंकाने वाले थे. 54 फीसदी लोगों का मानना था कि हाँ, कदाचार बंद होने चाहिए, इससे छात्रों का भविष्य खराब होने के साथ मधेपुरा की बदनामी होती है.  जबकि बाक़ी का यह मानना था कि प्रशासन पढ़ाई को नियमित कराये और छात्रों को कदाचार के बदले पढ़ाई के लिए आंदोलन करना चाहिए.
      कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए मधेपुरा के अधिकाँश लोगों ने जिलाधिकारी गोपाल मीणा को बधाई दी है. मधेपुरा टाइम्स के माध्यम से बधाई देने वालों में विदेशों में रहने वाले दर्जनों पाठकों के साथ देश के कोने-कोने से भी पाठक शामिल है. साथ ही हिन्दुस्तान टाइम्स, दिल्ली में संपादक के पद पर रह चुके अरूण कुमार, राष्ट्रीय सहारा नॉएडा से विनीत उत्पल, मधेपुरा से सहारा टीवी के रूद्र नारायण यादव, इंडिया न्यूज के शंकर सुमन, आर्यन न्यूज के ओम प्रकाश, कशिश न्यूज के राजीव रंजन, दैनिक जागरण के सुलेन्द्र कुमार, सुदर्शन न्यूज के महताब आलम समेत अन्य कई समाचार पत्रों से जुड़े रिपोर्टरों ने भी जिलाधिकारी को कदाचारमुक्त परीक्षा कराने के लिए शुभकामनाएं दी है.


मधेपुरा में इंटर परीक्षा 2014: ‘कंसों’ का वध करने में सफल हुए ‘गोपाल’ मधेपुरा में इंटर परीक्षा 2014: ‘कंसों’ का वध करने में सफल हुए ‘गोपाल’   Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 28, 2014 Rating: 5

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