अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का मुख्य विषय “ग्रीन एनर्जी, सर्कुलर इकॉनॉमी एवं भारत की समृद्धि में रसायनशास्त्र की भूमिका” है। इस सेमिनार में देश–विदेश के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, आई.आई.टी. एवं प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के विद्वान भाग लेंगे। इसी क्रम में डॉ. अशोक कुमार झा का व्याख्यान “केमिकल अभियंत्रण एवं हरित ऊर्जा” सत्र में होगा।
डॉ. झा अपने व्याख्यान में “बेंटोनाइट एवं बेंटोनाइट–चारकोल मिश्रण द्वारा लेड हटाने की विधि” विषय पर शोध निष्कर्ष प्रस्तुत करेंगे। इस वैज्ञानिक सत्र की अध्यक्षता भारतीय विज्ञान संस्थान (आई.आई.एस.सी.), बेंगलुरु की प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. शिवा उमापति करेंगी।
गौरतलब है कि डॉ. अशोक कुमार झा विगत कई वर्षों से बेंटोनाइट खनिज के माध्यम से भारी धातुओं को हटाने की तकनीक पर शोध कर रहे हैं। इस दिशा में उन्होंने यू.जी.सी. द्वारा संपोषित दो शोध परियोजनाएं भी सफलतापूर्वक पूर्ण की हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, लेड धातु का निर्धारित सीमा से अधिक सेवन करने पर निम्न आई.क्यू., न्यूरोलॉजिकल विकार एवं लीवर संबंधी गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। डॉ. झा द्वारा विकसित जलीय माध्यम से लेड हटाने की यह विधि कम खर्चीली, पर्यावरण अनुकूल एवं सस्टेनेबल मानी जा रही है। इसके साथ ही वे सेमिनार में एक वैज्ञानिक सत्र की अध्यक्षता भी करेंगे।
इस प्रतिष्ठित आमंत्रण के लिए डॉ. अशोक कुमार झा ने पद्मश्री प्रो. जी. डी. यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है। यह उपलब्धि के. पी. कॉलेज, मुरलीगंज सहित पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय माना जा रहा है।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 15, 2025
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