भ्रमण के दौरान अधिकांश सजायाफ्ता कैदियों ने बताया कि उनकी अपील पटना उच्च न्यायालय में निजी अधिवक्ता के माध्यम से दायर की गई है, जिसकी सुनवाई फिलहाल लंबित है। वहीं, विचाराधीन महिला कैदियों ने भी कहा कि उन्हें सरकारी अधिवक्ता की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे अपने-अपने निजी वकीलों से पैरवी करा रही हैं।
चीफ एलडीसीएस ने बताया कि जेल में कुल 28 महिला कैदियों में से चार महिला कैदी रिहा हो चुकी हैं। कारा अधीक्षक ने बताया कि कैदियों की शिक्षा के लिए विशेष पहल की जा रही है। इसके तहत बाजार से पुस्तकें खरीदी गई हैं और पढ़ाई में रुचि रखने वाले कैदियों को नियमित रूप से अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन कैदियों के पुनर्वास और सुधार की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। भ्रमण जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव पूजा कुमारी साह ने निर्देश पर किया गया। कारा अधीक्षक राकेश कुमार राय, कारा प्रभारी सुभाष कुमार, जेल उपाधीक्षक सनंदन कुमार और पिंटू कुमार ने भ्रमण कार्य में सहयोग किया।
(रिपोर्ट: मनीष कुमार)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 09, 2025
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