कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों को विधिक अधिकारों और त्वरित न्याय व्यवस्था से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देना था। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में चीफ एलएडीसीएस सीपी चंदन ने बंदियों को प्ली बारगेनिंग और कंपाउंडिंग ऑफ ऑफेंस की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्ली बारगेनिंग जैसी कानूनी प्रक्रिया गरीब और असहाय बंदियों के लिए राहत का माध्यम है। इससे उन्हें लंबी कानूनी प्रक्रिया से मुक्ति मिल सकती है और वे जल्द सामान्य जीवन में लौट सकते हैं। इस व्यवस्था से अदालतों का बोझ भी घटता है और न्याय त्वरित रूप से उपलब्ध होता है।
चीफ एलएडीसीएस ने आगे कहा कि कानून केवल सजा देने का माध्यम नहीं है, बल्कि सुधार और पुनर्वास की भी व्यवस्था करता है। प्ली बारगेनिंग का उद्देश्य यही है कि बंदी अपने जीवन में सुधार लाकर समाज की मुख्यधारा में पुनः शामिल हो सके। हर व्यक्ति को निष्पक्ष सुनवाई और न्याय पाने का अधिकार है। डीएलएसए इसी दिशा में काम कर रहा है कि कोई भी बंदी अपने विधिक अधिकारों से वंचित न रहे।
कार्यक्रम में जेल अधीक्षक, सहायक एलएडीसीएस बिपिन कुमार कारा कर्मी और बंदियों ने सक्रिय भागीदारी रही।
(रिपोर्ट: मनीष कुमार)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 09, 2025
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