हैंड-टू-हैंड ओपन एशियन गेम्स में एक गोल्ड, एक सिल्वर जीतकर लौटे खिलाड़ी, ग्रामीणों ने किया सम्मानित


कुमारखंड (मधेपुरा)/ कुमारखंड प्रखंड ही नहीं, बल्कि पूरे मधेपुरा जिले के लिए गौरव का क्षण तब आया जब प्रखंड के रौता गांव के दो होनहार खिलाड़ियों ने थाईलैंड में आयोजित हैंड-टू-हैंड ओपन एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण और रजत पदक जीतकर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया। विदेशी धरती पर मिली इस ऐतिहासिक उपलब्धि से पूरे क्षेत्र में हर्ष की लहर दौड़ गई है और ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ियों में नया उत्साह देखने को मिल रहा है। 
रौता गांव के नरेश कुमार (11 वर्ष), जिनके पिता दुखा मंडल किसान हैं, ने अपने उत्कृष्ट कौशल से थाईलैंड, उज्बेकिस्तान और रूस जैसे देशों के मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। कम उम्र में मिली इस अंतरराष्ट्रीय सफलता ने क्षेत्रवासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। वहीं गांव के ही सुभाष कुमार (15 वर्ष), जिनके पिता धीरेन्द्र मंडल भी किसान हैं, ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक हासिल किया। दोनों खिलाड़ियों की सफलता इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण परिवेश में भी अपार प्रतिभा छिपी है, जिसे सही अवसर और मार्गदर्शन मिले तो वे बड़े से बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं। इन दोनों खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में सहरसा जिले के कोच विवेक कुमार की अहम भूमिका रही है। कोच विवेक ने दोनों खिलाड़ियों को लंबे समय तक प्रशिक्षित किया। सबसे पहले इन खिलाड़ियों का चयन राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में कटिहार में आयोजित मैच में हुआ। इसके बाद उन्होंने मध्यप्रदेश के जबलपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में चयन प्राप्त किया। वहीं उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर दोनों खिलाड़ियों को थाईलैंड में आयोजित ओपन टूर्नामेंट के लिए चुना गया, जहां उन्होंन सफलता का परचम लहराया। मंगलवार को जैसे ही दोनों खिलाड़ी गांव लौटे, ग्रामीणों ने तालियों, नारों और उत्साहपूर्ण स्वागत के साथ उनका अभिनंदन किया। सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा ग्रामीणों ने उन्हें शॉल, माल्यार्पण और पुस्तक देकर सम्मानित किया। 
मौके पर छात्र नेता सह समाजसेवी पिंटू यादव ने कहा कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जरूरत सिर्फ उचित मंच और मार्गदर्शन की है। ऐसे खिलाड़ी भविष्य में देश का नाम और भी रोशन करेंगे। हम हर संभव सहयोग के लिए तैयार हैं।
सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों में उत्साह देखते ही बन रहा था। बच्चों और युवाओं ने खिलाड़ियों से मिलकर प्रेरणा ली। ग्रामीणों ने क्षेत्र में खेल गतिविधियों और प्रशिक्षण केंद्र की व्यवस्था को मजबूत करने की मांग भी की, ताकि आने वाले समय में और भी बच्चे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन कर सकें। रौता गांव के इन दो लालों की इस शानदार उपलब्धि ने पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित किया है और यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
(रिपोर्ट: मीना कुमारी/ मधेपुरा टाइम्स)
हैंड-टू-हैंड ओपन एशियन गेम्स में एक गोल्ड, एक सिल्वर जीतकर लौटे खिलाड़ी, ग्रामीणों ने किया सम्मानित हैंड-टू-हैंड ओपन एशियन गेम्स में एक गोल्ड, एक सिल्वर जीतकर लौटे खिलाड़ी, ग्रामीणों ने किया सम्मानित Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 26, 2025 Rating: 5

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