मधेपुरा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलराम दूबे ने अपने वेश्म में न्यायिक पदाधिकारियों के साथ आगामी 13 सितम्बर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर हुई बैठक में उक्त बाते कहीं. उन्होंने न्यायिक पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सुलहनीय सभी पहचान किये वादों में एक बार फिर से इस बात को सुनिश्चित कर लिया जाय कि दोनों पक्षों को किये गए नोटिस का तमिला हो गया हो. यदि पहचान किये गए किसी मुक़दमे में नोटिस का तामिला संतोषजनक न लगे तो पारा लीगल वोलंटियर के माध्यम से नोटिस फिर से सही व्यक्ति को प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे. लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुँचाना राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्येश्य होना चाहिए.
इससे पूर्व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री दूबे ने विभिन्न न्यायालयों के संबधित कर्मचारियों को भी इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि लोगों के प्रति सेवा भावना रखने हुए कार्य करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को राहत मिल सके.
बैठक में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी न्यायिक पदाधिकारियों से राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अपने न्यायालय से निष्पादन होने वाले मुकदमों में प्रगति की भी समीक्षा की और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए. न्यायिक पदाधिकारियों ने भी 13 सितम्बर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया.
बैठक में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश संतोष तिवारी, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम वीरेन्द्र कुमार चौबे, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूतन कुमारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव पूजा कुमार शाह के अलावे अन्य सभी न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे.
(रिपोर्ट: मनीष कुमार)

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