मामला शंकरपुर के बथान परसा वार्ड नं. 4 का है, जहाँ मिथिलेश कुमार को उसके ही ग्रामीण नथुनी साह ने फोन कर उसे रात में बुलाया और भालूआहा बहियार में ले जाकर उसकी धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी। इस संबंध में मृतक कि माँ रंजू देवी के फर्द बयान पर गाँव के ही वार्ड नं. 5 निवासी नथुनी साह को नामजद करते शंकरपुर थाना में हत्या का केस (192/2019) दर्ज किया गया। सुचिका रंजू देवी ने अपने फर्द बयान में स्पष्ट किया कि 23 दिसंबर 2019 को शाम सात बजे उसके पुत्र मिथिलेश कुमार के मोबाइल पर किसी का फोन आया और वह तैयार होकर बाइक से कही जाने लगा। जाते समय उसने अपनी माँ से बोला कि नथुनी साह का फोन है, किसी काम से बुला रहा है। देर रात तक मिथिलेश के घर वापस नहीं आने पर घरवाले काफ़ी परेशान हो गए।
सुबह सात बजे किसी ने बताया कि उसके पुत्र मिथिलेश की बाइक भलुआहा सड़क के पास लावारिश हालत में पड़ी है । लेकिन मिथिलेश का कोई पता नहीं चल रहा हैं। काफ़ी खोजबीन के बाद 24 दिसंबर 2019 के अपराह्न तीन बजे किसी ने बताया कि भलुआहा बहियार में मकई खेत में मिथिलेश का शव पड़ा हुआ है। ग्रामीण और पुलिस के सहयोग से परिजनों कि शिनाख्त के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
इस संबंध में मामले में बहस कर रहे सहायक लोक अभियोजक जय नारायण पंडित ने बताया कि कुल सात गवाहों के बयान के बाद एडीजे (9) रघुवीर प्रसाद ने अंतिम सुनवाई के बाद शुक्रवार को अभियुक्त नथुनी साह (26 वर्ष) को हत्या का दोषी ठहराते आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही चालीस हजार रूपये अर्थदंड भी लगाया है।
(विधि संवाददाता)

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