मामला आलमनगर थाना क्षेत्र के बसनबाड़ा टोला के नवगाछिया बासा का है इस संबंध में विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार मेहता ने बताया कि आलमनगर के नवगाछिया बासा की एक पंद्रह वर्षीय नाबालिग लड़की को वर्ष 2012 से शादी का झांसा देकर व बहला फुसला कर मुरलीगंज के हरीपुर कला स्थित दिव्य कबीर संस्थान साहेबगंज इटहरी के 32 वर्षीय महंत सुकृत सुमन उर्फ़ सुधीर कुमार साह के द्वारा यौन शोषण किया जाता रहा। उन्होंने बताया कि उक्त नाबालिग लड़की के अनुसार महंत से लड़की की पहली मुलाक़ात आलमनगर में ही किसी कार्यक्रम के दौरान हुई थी। बाद में महंत उक्त लड़की के घर भी आने जाने लगा और उससे शादी रचाने का भी प्रलोभन देकर उसके साथ लगातार दो साल तक यौन शोषण करता रहा। फिर वह शादी कि बात को टालने लगा। लड़की उससे मिलने और शादी की बात करने जब मुरलीगंज के साहेबगंज इटहरी स्थित दिव्य कबीर संस्थान पहुंची तो महंत वहां से कहीं फरार हो गया। काफ़ी खोजबीन के बाद भी महंत का कोई पता नहीं चला।
इसके बाद लड़की ने आलमनगर थाना में उक्त महंत के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते केस (103/14) दर्ज कराते न्याय की गुहार लगाई। ग्यारह साल पुराने इस मामले में एडीजे (6) सह पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अमित कुमार पाण्डेय ने अंतिम सुनवाई के बाद सोमवार को एक अभियुक्त सुकृत सुमन उर्फ़ सुधीर कुमार साह को दोषी करार देते आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं एक लाख रूपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि नहीं जमा करने पर छः साल अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी।
(विधि संवाददाता)

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