कभी हवाई जहाज उड़ाने का देखा था सपना, आज ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक भूमिका के लिए सुर्खियों में हैं पूर्णिया निवासी एयर मार्शल ए के भारती

'भय बिनु होई न प्रीति', हमारी लड़ाई आतंकवादियों से है, पाकिस्तानी मिलिट्री से नहीं। पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का साथ दिया तो हमने उसका जवाब दिया। अपनी सेना के नुकसान के लिए पाकिस्तान खुद जिम्मेवार है'। 

उक्त बातें सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जेनरल राजीव घई और वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद के साथ एयर मार्शल ए के भारती जब कह रहे थे तो हजारों किलोमीटर दूर पूर्णिया जिला के केनगर प्रखण्ड के गांव झुंनी कला में एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती के पैतृक गांव में उनके परिजन और ग्रामीण श्री भारती की सफलता पर फूले नही समा रहे थे। दरअसल, श्री भारती ने ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक भूमिका का निर्वहन किया, तीनों सेना की संयुक्त कार्रवाई में  श्री भारती ने हवाई हमले की निगरानी को बखूबी अंजाम दिया। लिहाजा उनके गांव में और पूर्णिया में श्री भारती की खूब चर्चा हो रही है। श्री भारती बहरहाल वायु सेना में वायु संचालन के महानिदेशक (DG, Air operations) के पद पर तैनात हैं।

गुदड़ी के लाल साबित हुए अवधेश 

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एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती बचपन से ही मेधावी थे। पिता जीवछ लाल यादव सिचाई विभाग में साधारण क्लर्क थे और माँ उर्मिला देवी गृहिणी थी। अवधेश के दो और भाई हैं जिसमे एक डॉक्टर और दूसरा दवा कारोबारी है। अवधेश ने स्कूली शिक्षा के दौरान ही अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और उनका चयन सैनिक स्कूल तिलैया में प्रथम प्रयास में ही हो गया।उसके बाद उनका दाखिला एनडीए पुणे में हो गया और फिर उन्होंने जो बचपन मे हवाई जहाज उड़ाने का सपना देखा था, उस ओर उनके कदम बढ़ते चले गए। मां उर्मिला देवी कहती हैं कि उसने बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखा था।

उपलब्धियों से भरा है एयर मार्शल अवधेश का करिअर

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अवधेश का पैतृक घर आज भी फूस और खपरैल से बना है जहां उसके माता-पिता और भाई व अन्य परिवार के सदस्य रहते हैं। लेकिन, फूस के घर मे पैदा होने वाले अवधेश ने हमेशा कॅरियर में ऊंची उड़ान भरी। वह वर्ष 1987 में एयर फोर्स के फाइटर स्ट्रीम में शामिल हुआ था। उन्हें वर्ष 2008 में  राष्ट्रपति वायु सेना मेडल से नवाजा गया था।वर्ष 2023 में उनकी पदोन्नति एयर मार्शल में हुई।वे सुखोई 30 स्क्वाड्रन में कमांडिंग अफसर की भूमिका का निर्वाह कर चुके हैं।वायु सेना मुख्यालय में डीजीओ का पद संभालने से पहले वे प्रयागराज में सेंट्रल एयर कमांड में सीनियर स्टाफ ऑफिसर (एस ए एस ओ) के पद पर तैनात थे ।महाकुंभ का पर्यवेक्षण वायुसेना में उन्ही की जिम्मेवारी थी।

एक साल पहले गाँव आये थे अवधेश

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      एयर मार्शल अवधेश एक वर्ष पूर्व गांव झुंनी कला आये थे। ग्रामीणों के अनुसार वे जब भी आते हैं तो पूर्णियां में रहने के बजाय वे गांव में ही रहना पसंद करते हैं।ग्रामीण उन्हें मिलनसार और विनम्र शख्स के रूप में याद करते हैं।ग्रामीण अनिल शर्मा कहते हैं कि 'उन्हें बड़ा अधिकारी होने का कोई गुमान नही है। मिलनसार प्रवृति के हैं,सबसे मिलते हैं और बड़ो को हमेशा पैर छूकर प्रणाम करते हैं'। 


माँ -पिता समेत सबो को है गर्व

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    जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल ए के भारती टीवी स्क्रीन पर सामने आए तो उनके परिजनों और गांव वालों को यकीन नही हुआ कि उनके लाल ने दुश्मन देश के आतंकी ठिकाने को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई है। माँ उर्मिला देवी कहती हैं 'बेटा देशभक्त है। हमारा नाम रोशन किया है।जैसा बचपन मे था , वैसा ही आज भी है। बचपन से ही सेना में जाने की बात करता था। यह इस फूस के घर का कमाल है '। वहीं पिता जीवछ लाल यादव कहते हैं 'गर्व हो रहा है बेटा पर। ऑपरेशन के बाद पता चला। एक साल पहले घर आया था। जब आता है तो सबों से मिलता है। ऑपरेशन सिंदूर को मेरा बेटा हेड किया, बड़ी खुशी हो रही है'। वहीं श्री भारती को करीब से जानने वाले रिटायर्ड ग्रुप कैप्टेन विश्वजीत कहते हैं कि 'जब ऑपरेशन सिंदूर के प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल ए के भारती को डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और वाईस एडमिरल ए एन प्रमोद के साथ देखा तो इतनी खुशी हुई कि लफ्जों में बयां नही कर सकता। पूर्णियां ही नही पूरे देशवासी को अपने इस बेटे पर गर्व है'।

रिपोर्ट - पंकज भारतीय, संस्थापक संपादक.

कभी हवाई जहाज उड़ाने का देखा था सपना, आज ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक भूमिका के लिए सुर्खियों में हैं पूर्णिया निवासी एयर मार्शल ए के भारती कभी हवाई जहाज उड़ाने का देखा था सपना, आज ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक भूमिका के लिए सुर्खियों में हैं पूर्णिया निवासी एयर मार्शल ए के भारती Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 15, 2025 Rating: 5

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