बता दें कि यह आवेदन 28 जुलाई को कार्यालय में प्राप्त हुआ है । आवेदन में आवेदक का पता श्रीनगर वार्ड नंबर एक दर्ज है, लेकिन मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की जानकारी नहीं दी गई है। इस विचित्र आवेदन के बाद राजस्व पदाधिकारी रवि शंकर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वरीय पदाधिकारियों को सूचित किया और साइबर थाना में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाया। राजस्व पदाधिकारी ने कहा कि यह साइबर शरारत का मामला प्रतीत होता है। ऐसे मामलों में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
ज्ञात हो कि इन दिनों बिहार के अलग अलग जिले से इस तरह की खबर यानी कहीं डॉग बाबू का आवास प्रमाण पत्र तो कहीं ट्रेक्टर के नाम आवास प्रमाण पत्र और ताज़ा मामला मधेपुरा के घेलाढ़ प्रखंड से जुड़ा है जहाँ आवास धारक का नाम मोबाईल और इनके पिता का नाम चार्जर तो माता का नाम बैटरी अंकित आवेदन काफ़ी तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं इस मामले मे विपक्ष भी चुनाव आयोग और सरकार तथा सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहे हैं तो वहीं सत्ता पक्ष के लोग इसे किसी की साजिश व सरकार तथा चुनाव आयोग को बदनाम करने की दुहाई दे रहे हैं। हालांकि जांच के बाद परत दर परत मामले का उदभेदन भी हो रहा है और इन साजिस करता कर्मियों व लाभुकों पर कार्रवाई भी हो रही है। अब बड़ा सवाल उठता है आखिर इन साजिस के पीछे हैं कौन बहरहाल इसका खुलासा अभी बांकी है।

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