शोभायात्रा दुर्गा स्थान चौक से प्रारंभ होकर जयरामपुर चौक, गौशाला चौक, काशीपुर, मस्जिद रोड, हरिद्वार चौक, पूर्णिया गोला मोड़, ब्याहुत धर्मशाला, अग्रसेन भवन होते हुए हाट बाजार तक पहुंची। रास्ते भर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही। विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा का स्वागत किया और जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। साथ ही, शहर को भगवा ध्वज और फूलों से सजाया गया था, जो रामभक्ति में डूबे जनमानस की भावना को प्रकट कर रहा था।
इस शोभायात्रा में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं और युवाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी गेरुआ वस्त्र धारण किए हुए थे, और हाथों में भगवा ध्वज लिए जयकारे लगाते चल रहे थे। युवाओं की टोलियां ढोल-नगाड़ों और भक्ति संगीत के साथ राम भक्ति में लीन नजर आईं। वहीं, महिलाएं मंगल गीत गाती हुई शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रही थीं।
रामनवमी को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सजग दिखा। नगर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। खुद एएसपी प्रवेन्द्र भारती, अनुमंडल पदाधिकारी संतोष कुमार, थानाध्यक्ष मुरलीगंज अजीत कुमार, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी शोभायात्रा के दौरान मौजूद रहे और पूरी यात्रा की निगरानी करते रहे। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए ट्रैफिक को भी सुव्यवस्थित ढंग से नियंत्रित किया गया था।
रामनवमी के इस आयोजन ने न सिर्फ धार्मिक उत्साह को बढ़ाया, बल्कि सामाजिक सौहार्द और एकता का भी संदेश दिया। शोभायात्रा में सभी समुदायों के लोगों की सहभागिता देखी गई, जिससे यह साबित होता है कि रामनवमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि जन-जन की आस्था और संस्कृति का उत्सव है।
इस पावन अवसर पर नगरवासियों ने एक बार फिर अपने समर्पण, अनुशासन और भक्ति भाव से यह दिखा दिया कि धार्मिक आयोजनों को भव्यता और शांति के साथ भी संपन्न किया जा सकता है।

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