मधेपुरा न्यायालय में घैलाढ़ के इनरदेव मंडल, रविंद्र कुमार, आलोक कुमार और शैलेन्द्र कुमार के द्वारा गांव के ही व्यक्ति शिवनंदन मंडल, देवनंदन मंडल लगभग के बीच लगभग 8 डिसमिल भूमि का अतिक्रमण करने का मामला चल रहा था। वहीं वार्ड नंबर 2 स्थित घर के मुखिया इनरदेव मंडल के द्वारा न्यायालय में दर्ज मामला के तहत आदेश के आलोक में एक कार्रवाई की गई. मामले में यह कहा गया कि उनके घर के आगे स्थित शिवनन्दन मंडल एवं उनके परिजनों के द्वारा एस्बेस्टस एवं ईंट मिट्टी का मकान बनाकर अतिक्रमण किया गया था। जिसका मामला न्यायालय में चल रहा था. जिसमें न्यायालय के आदेश पर कार्यपालक दंडाधिकारी मधेपुरा नीरज कुमार सिंह, न्यायालय पदाधिकारी शिव प्रकाश चंद्र द्वारा जेसीबी मशीन से घर को तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इधर न्यायालय पदाधिकारी शिव प्रकाश चंद्र ने बताया कि अतिक्रमण को लेकर सब जज न्यायालय में मुकदमा चल रहा था जिसमें न्यायालय के आदेश पर 8 डिसमिल जमीन में बने घरों को अतिक्रमण मुक्त कराकर न्यायालय को अवगत कराया जायगा. उन्होंने बताया कि न्यायालय से प्राप्त आदेश के बाद एक वर्ष पूर्व भी लिखित आवेदन देकर समय पर अतिक्रमण हटाने की बातें कही गई थी।
बरसों से झोपड़ी रहकर गुजर बसर करने वाले गरीब का उजड़ गया आशियाना
लगभग 100वर्षों से अपना आशियाना बना कर रह रहे शिवनंदन मंडल का आशियाना मिनट में धरासाई हो गया. बताते चलें कि खाता संख्या 1418, खसरा 1162, रकवा 8 डिसमल में पिछले दशकों से रह कर जीवन यापन कर रहे थे. वही माननीय न्यायालय के आदेश पर कार्यपालक दंडाधिकारी नीरज कुमार सिंह, न्यायालय पदाधिकारी शिव प्रकाश चंद्र और पुलिस बलों के द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर एस्बेस्टस एवं ईंट मिट्टी के बने मकान को तोड़ दिया गया। वहीं शिवनंदन मंडल देवनंदन मंडल और एवं उनके बच्चे एवं परिवार बताते हैं कि किसी तरह इस मकान में रहकर अपना गुजर बसर कर रहे थे. अब उनके समक्ष रहने एवं रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है. इनका कहना है कि सरकार एक और जहां गरीबों के लिए मकान बनाकर दे रही है, वहीं हम आज बेघर हो रहे हैं.

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