मधेपुरा के आलमनगर चौसा और फुलौत में बाढ़ का प्रकोप जारी, उफनाई कोसी नदी के पानी से घिरे दो दर्जन से अधिक गांव, कई सरकारी स्कूलों में भी घुसा पानी, दर्जनों सड़क भी हुए ध्वस्त।
बीते दिनों कोसी बैराज से डिस्चार्ज किये गए पानी के कारण मधेपुरा के आलमनगर चौसा और फुलौत के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं । इतना हीं नहीं, दर्जनों गांव टापू में तब्दील हैं. एक दर्जन पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांव पानी से घिर चुके हैं । वहीं करीब दो दर्जन से अधिक सरकारी स्कूल में भी उफनाती कोसी नदी की पानी घुसा है। बता दें कि हजारों एकड़ खेतों में लगी धान की फसल भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. अगर यातायात की बात करें तो यातायात को लेकर सिर्फ मात्र एक नाव ही इन इलाकों में सहारा है। मुआवजे और सरकारी राहत को लेकर आस लगाए बैठे हैं स्थानीय बाढ़ प्रभावित पीड़ित। वहीं कई गांव का संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गया है। सब से ज्यादा फिलहाल पशु को हो रही है पशुचारा की परेशानी।
ज्ञात हो कि सब से ज्यादा प्रभावित इलाका फुलौत पूर्वी, फुलौत पश्चिमी, मोरसंडा, चिरौरी, पैना, चंदा, घसकपुर, अजगैवा,अमनी,पिहुरा बासा, करेलिया, बरबीघघी, सपनी मुसहरी, कंचननगर, शैलेश स्थान, पनदही बासा समेत एक दर्जन पंचायतों के दो दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ ने दस्तक दे दिया है।
वहीं आज आलमनगर के जेडीयू विधायक सह बिहार सरकार के डिप्टी स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने आलमनगर और चौसा के कई बाढ़ प्रभावित इलाके का नाव से भ्रमण किया. साथ ही स्थानीय बाढ़ पीड़ितों से मिलकर तत्काल राहत और पशुचारा तथा फसल क्षति आदि मुआवजा दिलवाने का भरोसा भी दिया। इस दौरान बिहार विधान सभा के डिप्टी स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने जिले के डीएम तरनजोत सिंह और एडिशनल डीएम आपदा से बात कर प्रभावित इलाके का आकलन कर तत्काल बाढ़ पीड़ितों को राहत और पशुचारा तथा फसल क्षतिपूर्ति आदि मुआवजे दिलवाने सहित कई अहम निर्देश भी दिया है। नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि जब जब कोसी उफनाती है तो इस इलाके में अपना कहर बरपा कर चली जाती है, हम हमेशा बाढ़ पीड़ितों के साथ हैं ।
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